अजीत जोगी का राष्ट्रपति से शिकायत..कहा केन्द्रीय विश्वविद्यालय कर रहा अन्याय…मेधावी छात्र को दिलाएं न्याय

BHASKAR MISHRA
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Ajit Jogi, Janta Congress Chhattisgrah, Mayawati, Bsp, Chhattisgarh,रायपुर—जनता कांग्रेस सुप्रीमों अजीत जोगी ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा अनुसूचित जाति के छात्र गणेश कुमार कोसले के साथ अन्याय करने की शिकायत की है। जोगी ने पत्र में लिखा है कि अनुसूचित जाति के मेधावी और होनहार छात्र गणेश कुमार कोसले के साथ गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में अन्याय किया जा रहा है।

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                          अपने पत्र में जोगी ने राष्ट्रपति को संबोधित कर बताया है कि गणेश कुमार कोसले ने इतिहास में स्नातकोत्तर परीक्षा में 70 प्रतिशत और पीएचडी के लिये आयोजित प्रवेश परीक्षा में 68.5 प्रतिशत अंक हासिल किया है। विभागीय साक्षात्कार समिति डीआरसी में डा. प्रदीप शुक्ला,डा. सीमा पाण्डेय और डा. घनश्याम दुबे सदस्य थे। कोसले को डीआरसी ने इंटरव्यू लेकर अपात्र घोषित कर दिया है।

               यूजीसी के नियम में स्पष्ट है कि विश्वविद्यालय में इतिहास में पीएचडी करने के लिये दो पद स्वीकृत है। किन्तु अभी तक एक ही सदस्य को पात्र माना गया है। रिक्त पद पर गणेश कुमार कोसले को डीआरसी ने कम से कम अंक भी दिये हो तो भी उसे नियमानुसार पीएचडी में प्रवेश देने की अनुमति अनिवार्य था। क्योंकि एक पद अभी भी रिक्त है।

               जोगी ने लिखा है कि चौकाने वाली बात यह है कि अन्य सभी डीआरसी ने अन्य सभी विषयों के पीएचडी छात्रों को इंटरव्यू में कितने नम्बर मिले और इंटरव्यू के बाद प्रतीक्षा सूची को भी लिखित में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन किया है। लेकिन कोसले को वंचित करने के लिये केवल इतिहास विभाग में इंटरव्यू और प्रतीक्षा सूची का उल्लेख नहीं किया गया। यह यूजीसी की 25 की गाईड लाईन के खिलाफ है।

                                 जोगी ने बताया कि एक अनुसूचित जाति के छात्र को जो विश्वविद्यालय मुख्यालय से 81 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव में रहकर आना.जाना करता है। उसने एमए में 70 प्रतिशत और प्रवेश परीक्षा में 68.5 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं। जो अन्य कई सामान्य वर्ग के छात्रों में प्राप्त अंक से भी अधिक है। स्पष्ट रूप से डीआरसी ने एक ही वर्ग के व्यक्तियों को रखकर यूजीसी के आदेशों का उल्लंघन किया है।

                 डीआरसी ने अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को प्रतिनिधित्व करने का उल्लेख है। मालूम हो कि कोसले के शोध का विषय सबरिया सौरा जनजाति का इतिहास है। जो प्रकृति पूजक समाज है लेकिन धीरे.धीरे अपने पारम्परिक मान्यताओं को भूलकर विलुप्त हो रहे है। अनुरोध है कि इस पर व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर अनुसूचित जाति के छात्र गणेश कुमार कोसले को न्याय दिलायें।

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