जब ग्रामीणों ने की जांच की मांग…कहा..किसने दी तीनों नाबालिगों को सीपत जाने की इजाजत..एक की हुई मौत

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर… लुतरा ग्राम पंचायत के लोगों ने कलेक्टर से मिलकर मांग सड़क हादसे में मदरसे के बच्चे की मौत को लेकर जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि तीन अप्रैल को देर रात्रि करीब डेढ़ बजे सड़क हादसे में गुढ़ी के पास मदरसे के एक बच्चे की मौत हो गयी। मौत के मुख्य आरोपी को पुलिस अभी तक तलाश नहीं कर पायी है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से कहा कि इस बात का भी पता लगाया जाए कि सख्त निर्देश और पहरे के बीच मदरसे के तीनों नाबालिग बच्चे देर रात्रि सीपत घूमने किसकी इजाजत से गए। जरूरी है कि मदरसे के जिम्मेदार लोगों से पूछताछ की जाए।
                               शिकायत कर्ताओं बताया कि मदरसा दारूल उलूम फैजाने बाबा इंसान अली लुतरा शरीफ का प्रबंधन छत्तीसगढ़ं राज्य वक्फ बोर्ड रायपुर से होता है। लुतरा शरीफ में वक्फ संपत्ति का प्रबंधन रायपुर के देखरेख में स्थानीय समिति् करती है। मदरसे में केवल बिलासपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश़ के कोने कोने से धार्मिक शिक्षा लेने बच्चे आते हैं। मदरसे का संचालन सख्त निगहबानी में होता है।
                 बावजूद इसके तीन और चार अप्रैल की दरमियानी रात्रि करीब एक बजे मदरसे के तीन बच्चे किसी जायरीन की एक्टिवा लेकर सीपत घूमने निकल गए। इसकी जानकारी मदरसे को हादसे के बाद हुयी। तीनों बच्चे बाहर से आकर मदरसे में शिक्षा ले रहे थे। मोहम्मद युसुफ गुलाम रसूल उम्र 16 साल जैजेपुर जांजगीर चाम्पा का रहने वाला है। दूसरा बच्चा शेख आरिफ पिता शेख अफरोज उम्र 15 साल स्थानीय तुलरा का निवासी है। तीसरा बच्चा अजहर अली पिता अकबर अली उम्र 16 साल भी लुतरा का रहने वाला है।
             तीनों किसी जायरीन की एक्टिवा मोपेड में रात्रि एक बजे सवार होकर सीपत घूमने गए। लौटते समय गुढ़ी गांव के पास अज्ञात वाहन की ठोकर से घायल हो गए। तीनों बच्चों में से एक गंभीर रूप से घायल मोहम्मद युसुफ ने बाद में दम तोड़ दिया। जबकि अन्य दो गंभीर रूप से घायल बच्चो को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गयी है। लेकिन अभी तक खुलासा नहीं हो सका है कि आखिर बच्चे सख्त निगहबानी के बाद भी किसके इशारे पर छात्रावास  से निकलकर सीपत गए। अज्ञात वाहन का भी अभी तक पता नहीं चल सका है।
                        ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि  मदरसे में छात्रों के रहने के लिए छात्रावास की व्यवस्था है। नाबालिग बच्चे प्रबंधन की निगबानी में रहते हैं। फिर किन कारणों और किसकी इजाजत से डेढ़ बजे रात्रि मदरसे से निकलकर सीपत जाते हैं। इसमें एक बच्चे की सड़क हादसे में मौत हो जाती है। यह जानते हुए भी कि देर रात्रि सीपत सड़क पर  भारी वाहनों का आवागमन रहता है।
                                          शिकायत कर्ताओं ने जिला प्रशासन से लिखित निवेदन किया है क्या पुलिस ने मामले में प्रबंध समिति से पूछताछ की है। यदि कोई दोषी सामने आया है तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी है। बेहतर होगा कि मामले में मदरसा प्रबंधन से भी पूछताछ हो। क्योंकि देर रात्रि नाबालिग बच्चों का छात्रावास से बाहर जाना नियम खिलाफ है। एक्टिवा किसने दिया…इसका भी पता लगाया जाए। जांच के बाद मदरसा प्रबंधन को भी नयी दिशा मिलेगी। बाहर से आकर शिक्षा लेने वाले बच्चों का भी भविष्य सुरक्षित होगा। माता पिता में भी मदरसा के प्रति विश्वास कायम होगा।
                   शिकायत कर्ताओं ने बताया कि मामले में कलेक्टर प्रशासन ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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