नवीन शिक्षाकर्मी संघ अध्यक्ष ने कहा…समाज के रहम पर पल रहा बच्चों का पेट..पांच महीने से नहीं मिला वेतन..कैसे करे बच्चों का दाखिला

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— प्रदेश के नगरीय निकायों में कार्यरत शिक्षा कर्मी इन दिनों आर्थिक आभाव में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। शिक्षाकर्मियों को पिछले पांच माह से वेतन नही मिला है। इन शिक्षाकर्मियों का परिवार आर्थिक बदहाली  की नौबत गुजर रहा है। अमित नामदेव ने बताया कि दरअसल इन दिनों वेतन नहीं मिलने से शिक्षाकर्मियों का परिवार दया याचना पर जिंदा है।
                          नवीन शिक्षा कर्मी संघ प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार नामदेव ने बताया कि प्रदेश के लगभग सभी नगरीय निकायों के शिक्षा कर्मियों का वेतन पिछले पांच माह से नहीं मिला है। वेतन नही मिलने से शिक्षाकर्मियों का परिवार आर्थिक त्रासदी झेलने को मजबूर है। शिक्षाकर्मियों के घर का चूल्हा और बच्चों का पेट समाज के दया याचना पर पल रहा है।
                           अमित नामदेव ने बताया कि नवीन शिक्षा सत्र आरंभ होने वाला है। नगरीय  निकायों में कार्यरत शिक्षा कर्मियों को पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिलने से भयंकर आक्रोश है। ना केवल शिक्षाकर्मी बल्कि उनसे जुड़े परिवार के अन्य सदस्यों की हालत बद से बदतर है। इधर स्कूलों में एडमिशन प्रारम्भ हो चुके है । इधर आर्थिक अभाव के कारण शिक्षाकर्मी साथी अपने बच्चो का एडमिशन नही करवा पा रहे हैं।  इसके अतिरिक्त जो शिक्षा कर्मी बैंक से लोन लिए है उनकी स्थिति तो और भी गंभीर हो चली है।
                                        अमित ने बताया कि राज्य के लगभग सभी नगरीय निकायो में  फरवरी माह से वेतन भुगतान नही हुआ है। मार्च माह में आबंटन की शेष राशि राज्य कार्यालय को समर्पित कर दिया गया है। तब से आज तक आबंटन प्राप्त ही नही हुआ है। अमित आरोप लगाया है कि अधिकारी लोग समय पर माँगपत्र नही भेजते हैं। जिसके चलते निकायों में वेतन की विकट समस्या खड़ी हुई है ।
                      अमित नामदेव ने बताया कि जिस कर्मचारी को पांच माह से वेतन न मिला हो उसकी आर्थिक परेशानियों का सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है। पांच माह से किराया, राशन सभी उधार के भरोसे चल रहे हैं। इधर शादी ब्याह का सीजन होने से परेशानी और बढ़ गई है। रिश्तेदारों के यहाँ शादी में खाली जेब ले शिक्षाकर्मी बुझे मन से शामिल हो रहे हैं। इस स्थिति पर ध्यान देने वाला फ़िलहाल कोई नजर नही आता है।
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