पॉवर कम्पनी अध्यक्ष ने कहा..जज्बे का करना होगा सम्मान…खुद को मुसीबत में डालकर बांटते हैं खुशी

BHASKAR MISHRA
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रायपुर— मानसून के पहले प्रदेश के विद्युत मेंटनेेंस का काम पूरा कर लिया जाएगा। मानसून केे बीच संभावित विद्युतजनित  दुर्घटनाओं के मद्देनजर बिजली सप्लाई के दौरान आने वाली सभी संभावित बधायों को इन दिनों दूर किया जा रहा है। पॉवर कंपनीज अध्यक्ष शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि 46 से 47 डिग्री तापमान के बीच बिजली विभाग के कर्मचारी तपते खम्बों, लाईनों में चढ़कर ऊॅचाईयों पर लगातार जान हथेली पर रख कर काम कर रहे हैं। निश्चित रूप से बिजली कर्मचारियों का काम जवानों के जज्बे से किसी भी सूरत में कम नहीं है।
                  शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि बिजली सप्लाई और सुरक्षा कार्य के तहत पुराने क्षतिग्रस्त लाईनों, खम्बों, ट्रांसफार्मर को  व्यवस्थित किया जा रहा है। वृक्षों की कटाई-छंटाई कर बरसात के दिनों में आनी वाली बधाओं को तेजी से दूर किया जा रहा है। पाॅवर कंपनी ने निश्चय किया है कि मानसून पूर्व मेंटेनेश  कार्य को जून माह के प्रथम पखवाड़े तक पूरा कर लिया जाएगा। आपरेशन मेंटेनेंश के पहले उपभोक्ताओं को लगातार जानकारी दी जा रही है। कुछ घंटों के बाद बिजली की सप्लाई शुरू भी हो जाती है। सच है कि इस बीच उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस बात को भी समझना होगा कि व्यवस्था को दुरुस्त बनाने बिजली विभाग के कर्मचारी जमकर पसीना बहा रहे हैं।
                        शुक्ला ने आम उपभोक्ताओं से मेंटेनेश कार्य में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है। शुक्ला ने बताया कि सभी को उन कर्मचारियों के प्रति भी मानवीय दृष्टिकोण रखना होगा जो 50 डिग्री तापमान के बीच ऊॅचाईयों पर कार्य कर रहे हैं। आग के गोले पर घंटों खड़े होकर बाधित लाईन को सुधाराते हैं। कुछ समय के लिए पावर सप्लाई बन्द होने पर सभी उपभोक्ता सोशल मीडिया में बिजली विभाग कर्मचारियों को भला बुरा लिखने लगते हैं। भद्दी गालियां भी देते हैं। ऐसे  पोस्ट पढ़ने और गालियां  बिजली कर्मचारियों को तपते खम्बे  से भी ज्यादा पी़ड़ा देती हैं। शुक्ला ने बताया कि अगर देश की सुरक्षा में लगे जवानों के जज्बे को हम समझ सकते है तो बिजली वालों के जज्बे को लोग क्यों समझने को तैयार नहीं है। जो दिन रात सुबह शाम उपभोक्ताओं की सेवा में लगे रहते हैं। उम्मीद है कि लोग विद्युत कर्मियों की भी पीड़ा को समझने का प्रयास करें। क्योंंकि बिजली कर्मचारी भी हमारे बीच में रहने वाले इंसान ही हैं।
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