छत्तीसगढ़ के इन पाँच विकासखंडो मे बेहतर होगी इलाज की सुविधा,पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जल्द लागू होगा यूनिवर्सल हेल्थ केयर

Shri Mi
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रायपुर।छत्तीसगढ़ के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने यहां एक निजी होटल में आयोजित समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने सवेरे साढ़े दस बजे से रात नौ बजे तक चली समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की जिलेवार समीक्षा की और उनमें सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिए। समीक्षा बैठकों का दौर कल 11 जून को भी जारी रहेगा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं शिखा राजपूत तिवारी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी मौजूद थीं।स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कहा कि विभागीय योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नीचे से लेकर उच्च स्तर तक के अधिकारियों-कर्मचारियों की जवाबददेही तय की जाएगी। शासकीय अस्पतालों के बेहतर प्रबंधन, जांच और उपचार के लिए समुचित उपकरणों तथा दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पूरी क्षमता से लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है और यहां के हर नागरिक तक सभी जरुरी सेवाएं पहुंचाई जाएगी।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने यहाँ क्लिक करे

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श्री सिंहदेव ने अधिकारियों से छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन (CGMSC) के कार्यों में और अधिक पारदर्शिता लाने कहा। उन्होंने कहा कि सभी दवाईयों की खरीदी समय पर हो और वे अस्पतालों के माध्यम से आम जनता के लिए सुलभ हो। उन्होंने दवा खरीदी की वर्तमान व्यवस्था की कमियों और खामियों को यथाशीघ्र दूर करते हुए प्रभावी व पारदर्शी व्यवस्था अपनाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन के साथ समन्वय कर शासकीय अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयों का भंडारण करने कहा।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में यूनिवर्सल हेल्थ केयर लागू करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। शीघ्र ही राज्य के पांच विकासखंडों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए सभी संभागों के एक-एक विकासखंड का चयन किया गया है। बस्तर जिले के बकावंड, दुर्ग के पाटन, महासमुंद के बागबहरा, कोरबा के करतला और सरगुजा जिले के लुंड्रा विकासखंड को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने इन जिलों की मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही वहां मानव संसाधन, उपकरणों और दवाईयों की उपलब्धता की खास तौर पर समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पायलट प्रोजेक्ट वाले विकासखंडों में जांच की सुविधा एवं दवाईयां की उपलब्धता शत-प्रतिशत सुनिश्चित कर ली जाए।

 इन योजनाओं और कार्यक्रमों की हुई समीक्षा

स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज दिन भर चले समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम, परिवार कल्याण कार्यक्रम, ब्लड बैंक एवं ब्लड स्टोरेज इकाई, सिकलसेल नियंत्रण कार्यक्रम, यूनिवर्सल हेल्थ केयर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, गैर-संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम, शहरी स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन, राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम तथा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित गतिविधियों की समीक्षा की।

समीक्षा बैठक में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिलों में पदस्थ विभागीय उपसंचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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