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बिलासपुर।मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मानसून की देरी के चलते तापमान कम नही हो रहा है जिससे गर्मी बढ़ गई है इसे ध्यान में रखते हुए दोनों राज्य सरकारो ने स्कूलों की गर्मियों की छुट्टियां बढ़ाने का निर्देश कर चुके परंतु इस का निर्देश कोई लाभ शिक्षकों को नही होगा। दोनो प्रदेश के शिक्षक एक सुर में मानने के मजबूर हो रहे है कि शिक्षण सत्र के शुरुवात में ही दोनो सरकारो ने शिक्षको के शोषण की शुरुवात कर दी है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने यहाँ क्लिक करे
वैसे भी दोनो नई सरकारो ने शिक्षको को ग्रीष्मकालीन आवकाश के दौरान समर कैम्प और ट्रेनिंग में झोंक दिया था जिसका रोष शिक्षको में है।
छत्तीसगढ़ के शिक्षक नेता केदार जैन ने बताया कि छात्रों के हितों को ध्यान में रख कर गर्मियों की छुट्टियां बढ़ाई गई है उसका प्रदेश के शिक्षक स्वागत करता है। लेकिन गर्मी शिक्षको को भी लगती है। पंखे के नीचे और बिना पंखे के शिक्षक गर्मी आसानी से काट लेते है क्योंकि बच्चे स्कूल आते पढ़ाते हुए वक़्त कैसे गुजरता है पता नही चलता है।सत्र के शुरुवात में अगर सरकार का रुख शिक्षको के प्रति सकारात्मक रहे तो शिक्षक भी ऐसी ही शुरुवात करते है। 18 जून को शिक्षण सत्र के पहले हफ्ते शिक्षक बिना छात्रो के क्या करेंगे यह समझ से परे है। सरकार को इस दिशा में उचित निर्णय लेना चाहिए।
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मध्यप्रदेश के शिक्षक नेता हीरानंद नरवरिया ने बताया कि दोनो प्रदेशो के शिक्षा विभाग बेमेल निर्णय ले रहे है। स्कूल लगेगा पर बच्चे नही आएंगे ..! इन पांच दिनों में शिक्षक क्या करेंगे..! सरकार का रुख समझ से परे है।भरी गर्मी में मध्यप्रदेश के शिक्षक विभाग के निर्देश में ट्रेनिंग किये है। शिक्षा विभाग चाहता तो समय का प्रबंधन कर सकता था पर हुआ नही। शिक्षको के नये साल की शुरुवात आधे अधूरे आदेशो से हो रही हैं। ये शिक्षक समाज के लिए अच्छा सन्देश नही ।
आप पार्टी के नेता व अधिवक्ता विनय जायसवाल ने बताया कि रमन सरकार को टाटा करने के बाद शिक्षा कर्मीयो को भूपेश सरकार से क्या हासिल हुआ है ये शिक्षा कर्मी अच्छी तरह समझते है। वादे कब पुरे होंगें पता नही..! शिक्षा विभाग शिक्षण सत्र के शुरुवात में ही जुगाड़ू और काम चालू ट्रेंड से ये समझ आ रहा है। पुरानी सरकार भी अफसरों के इशारे में चल रही थी नई सरकार भी उसी राह में है। बिना बच्चों के शिक्षक स्कूल में क्या करेंगे … बिना सोचे समझे निर्णय हो रहे है।
वही सूत्रों की माने तो पाँच दिन का अतिरिक्त ग्रीम अवकाश मध्यप्रदेश के आदेश को देखते हुए एक छत्तीसगढ़ के नेता दबाव में दिया गया है जबकि विभाग 18 से 22 जून तक स्कुलो को प्रथम पाली में सुबह 7 से 11 तक शुरू करने वाला था। क्योकि स्कूल लगने के पहले हफ्ते उतनी खास पढ़ाई सक्लो में नही होती है इससे शिक्षा विभाग भी अच्छी तरह से परिचित है।
बताते चले कि राज्य शासन ने गुरुवार को स्कूलों की ग्रीष्कालीन की छुट्टियां बढ़ा दी हैं। पहले ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 मई से 15 जून तक निर्धारित थे। गुरुवार को जारी आदेश के तहत अब उस आदेश में संशोधन करते हुए विद्यार्थियों के लिए अवकाश 23 जून तक बढ़ाया जाता है।यह आदेश शासकीय और अशासकीय दोनों प्रकार के स्कूलों पर लागू होगा।