सफल रहा रक्तदान का मेगा शिविर…आयोजकों ने कहा…तीन प्रतिशत रक्तदान से कमी हो जाएगी पूरी…दूर करना होगा भ्रम

BHASKAR MISHRA
5 Min Read

बिलासपुर— देश दुनिया के साथ बिलासपुर में भी 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया गया। सभी संगठनों ने मिलकर संस्कारधानी में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया। रक्तदाताओं ने कार्यक्रम में बढ़च़ढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान सभी लोगों ने कौमी एकता मिशाल भी कायम की। बताते चलें कि पिछले दो सालों से विश्व रक्तदाता दिवस पर संस्कार धानी के विभिन्न संगठन एकजुट होकर विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन करते हैं। इस बार भी कमोबेश सभी संस्ताओं बैंकर्स क्लब बिलासपुर*, फ़ौंडेशन क्रिकेट अकादमी, पंजाब नैशनल बैंक,हैंड्स ग्रुप, इनडोर गेम्स अकादमी, बिलासपुर डिस्ट्रिक्ट टेबल टेनिस असोसिएशन, यूथ छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कामर्स, टीचर्स हु इंस्पायर, जेसीसी एमबीए कोचिंग, एरीना एनीमेशन और पिनाकल डिजाइन अकादमी ने एकता ब्लड बैंक के सहयोग से कार्यक्रम का आयोजन किया।

Join Our WhatsApp Group Join Now
                     कार्यक्रम का आयोजन एरीना एनीमेशन अकादमी में सुबह 10 बजे से  प्रारंभ शाम 5 बजे तक किया गया। करीब 150 से अधिक रक्तदाताों ने रक्तदान कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सीएचएमओ डॉ प्रमोद महाजन, पीएनबी मंडल प्रमुख के एल कुकरेजा, बैंकर्स क्लब संयोजक ललित अग्रवाल, डा. एस के गिडवानी, त्रिपेन दत्ता, वी के गुप्ता, वेंकटरमण और एरीना एनिमेशन के संदीप गुप्ता ने संयुक्त रूप से शिविर का विधिवत उद्घाटन किया।  साथ ही सभी लोगों ने सबसे पहले रक्तदान भी किया।
देश को चार करोड़ यूनिट की जरूरत
  सीएचएमओ.बैंकर्स क्लब संयोजक, संदीप गुप्ता समेत सभी आयोजकों ने बताया कि रक्तदान से किसी के जीवन में सहज प्रकाश लाया जा सकता है। ब्लड डोनेट करने से एक शख्स दूसरे शख्स की जान बचा सकता है। सबको मालूम है कि दुनिया में सब कुछ पैदा किया जा सकता है लेकिन ब्लड का उत्पान नामुमकिन है। इसका कोई विकल्प नहीं है। देश में हर साल लगभग 250 सीसी में 4 करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। सिर्फ 5,00,000 यूनिट ब्लड ही मुहैया हो पाता है। बाकी लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
                          आयोजको ने बताया कि हमारे शरीर में कुल वजन का 7% हिस्सा खून होता है। 25 प्रतिशत से अधिक लोगों को अपने जीवन में खून की जरूरत पड़ती है। स्वस्थ्य शरीर के लिए रक्तदान लाभदायक होता है। हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। डोनेशन से खून पतला होता है, जो हृदय के लिए बहुत अच्छा होता है। शोध के अनुसार नियमित अन्तराल में ब्लड डोनेशन से कैंसर और दूसरी बीमारियों के खतरे कम हो जाते हैं। ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है।
जनमानस को होना होगा जागरूक
                 ललित अग्रवाल ने जानकारी दी कि ब्लड डोनेशन सुरक्षित और स्वस्थ परंपरा है। जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है। ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है।
       ब्लड  शिविर के दौरान आयोजकों ने बताया कि ब्लड डोनेट को लेकर अभी भी जागरूकता की जरूरत है। शिविर में आज निश्चित प्रक्रिया के तहत रक्तदाताओं ने ब्लड डोनेट किया। ब्लड टेस्ट के बाद लोगों ने रक्तदान किया। इस दौरान अपोलो की सहायता से ब्लड हेल्थ चेकअप बी किया गया। निश्चित प्रक्रिया के तहत हेपेटाइटिस बी और सी, एचआईवी, सिफलिस और मलेरिया आदि की जांच हुई।
                    ललित ने जानकारी दी कि ब्लड की कमी का एकमात्र कारण जागरूकता का अभाव है।18 साल से अधिक उम्र के स्त्री-पुरुष, जिनका वजन 50 किलोग्राम या अधिक हो, वर्ष में तीन-चार बार ब्लड डोनेट कर सकते हैं। ब्लड डोनेट करने योग्य लोगों में से अगर मात्र 3 प्रतिशत भी खून दें तो देश में ब्लड की कमी दूर हो सकती है। ऐसा करने से असमय होने वाली मौतों को रोका जा सकता है। ब्लड डोनेट करने से पहले और कुछ घंटे बाद तक धूम्रपान से परहेज करना चाहिए।
डीजीएम का सम्मान
                       मेगा शिविर को सफल बनाने में  संदीप गुप्ता, ललित अग्रवाल, प्रिंस भाटिया, अविनाश आहूजा, नवदीप अरोरा, जीत द्विवेदी, प्रदीप पूरी, एस बी सिंह, सतविंदर सिंह,देव रुद्राकर, अभीषेक विधानी, अभिनव गुप्ता, कपिल शुक्ला, आशिफ कुरैसी, डॉ एस के गिडवानी, नवीन जादव, राहुल परिहार, मनीष मौर्य, रूही बाला, यश गुप्ता, मेघा साहू, निधि मिश्रा सहित बड़ी संख्या में समाजसेवियों का योगदान रहा।
                   इस दौरान स्टेट बैंक के डीजीएम एस वी राधाकृष्णन को बैंकर्स  क्लब के समन्वयक ललित अग्रवाल और मेगा रक्तदान शिविर के संयोजक  संदीप गुप्ता ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
close