बायोमेट्रिक हाजिरी केवल शिक्षकों के लिए क्यों …? शिक्षक नेताओं ने कहा – गुणवत्ता के नाम पर भय पैदा करने की कोशिश

Shri Mi
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बिलासपुर।
शिक्षण सत्र के शुरू होने से दो दिन पहले से ही प्रदेश के शिक्षक सरकारी फरमान से खफा हो गए हैं।कोरबा कलेक्टर ने  जिले के प्राचार्यो व शिक्षा अधिकारियों को गुरुवार को कोरबा में सम्पन्न हुई शिक्षा विभाग की बैठक में निर्देश दिया था कि बायोमेट्रिक से उपस्थिति के आधार पर ही शिक्षकों के वेतन बने उसका प्रदेश भर के शिक्षक नेता विरोध कर रहे हैं। टेबलेट से शिक्षकों की हाजरी के विरोध के पीछे शिक्षक व शिक्षक नेताओं का मत कहता है कि ज़मीनी स्तर से कोरबा प्रशासन अनजान है। टेबलेट की स्थिति गुणवत्ता और नेटवर्क की समस्या किसी से छिपी नही है। कई बार टेबलेट चालू करने मे ही दिक्कत होती है। और कई बार घंटो अंगूठा लगाने के लिए इंतजार करना पड़ता है।ऐसी तकनिकी दिक्कत से शिक्षक मानसिक रूप से परेशान ही होता है। केवल शिक्षकों की ही बायोमेट्रिक हाजरी शिक्षकों के प्रति संदेह का आभास कराती है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे

             
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पिछले कई महीनों से बंद पड़े बायोमेट्रिक से शिक्षकों की हाजरी लेने और भुगतान करने के सिस्टम को फिर से शुरू कराने पर कोरबा कलेक्टर किरण कौशल के शिक्षा अधिकारियों को दिए हुए निर्देश से कुछ सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या जिला प्रशासन के नजर में शिक्षा विभाग के अधिकारी भरोसेमंद नही है, तभी तो उनका अधिकार बायोमेट्रिक मशीन ले रहा है, इसका सीधा सा अर्थ है कि शिक्षा अधिकारियों का विभाग में नियंत्रण नही है, अधिकारी सही निरीक्षण नही कर रहे हैं, अपने दायित्व निर्वहन में अक्षम है।

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राज्य शासन ,संतान पालन अवकाश,प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा,छत्तीसगढ़ पंचायत न नि शिक्षक संघ,शिक्षक नेता संजय शर्मा ने सीजीवाल को बताया कि शिक्षक तकनीक का विरोध नही करता है। शिक्षको की उपस्थिति बायोमेट्रिक से लेना गलत नही है लेकिन अधिकारियो की मानसिकता गलत है, जो बायोमेट्रिक अभी उपलब्ध है, उसकी गुणवत्ता अत्यंत खराब है,उसके फीचर्स ठीक नही है, प्रदेश के ज्यादातर स्कूलों में नेटवर्क नही होता, नेटवर्क हुआ भी स्लो चलता है टेबलेट के चार्जिंग की समस्या है, ऐसे मशीन के भरोसे उपस्थिति संभव ही नही है।संजय शर्मा ने सवाल उठाते हुए बताया कि जिला प्रशासन ईमानदारी से कार्य करने वाले शिक्षको का भयादोहन कर रही है, प्रशासन में थोड़ा भी साहस हो तो पूरे जिले के सभी विभाग में बायोमेट्रिक से उपस्थिति करवाकर देख लेवे हमारा दावा है शिक्षको की ईमानदारी किसी कर्मचारी से कम नही होगी, पर सभी विभाग में बौमेट्रिक उपस्थिति नही कराएंगे, ये तय है।

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गवरमेंट एम्पलॉइज एसोसिएसन छ ग के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने बताया कि प्रशासन शिक्षा में गुणवत्ता के नाम पर भय पैदा न करे जिला प्रशासन पढ़ाई के लिए जरूरी संसाधन के साथ मानव बल  शिक्षकों का विश्वास बहाल करने के उपाय सुझाए।बायोमेट्रिक मशीन गुणवत्ता और नेटवर्क के अभाव में असफल हो चुका है।राज्य में लाखों की मशीने रद्दी हो चुकी है। जग जाहिर है कि साल भर से चल रहा बायो मीट्रिक मशीन का प्रयोग नकारा हो चुका है। बायोमेट्रिक उपस्थिति से वेतन भुगतान संबंधी कोरबा कलेक्टर के निर्देश का हमारा संगठन विरोध करता है।

सहायक शिक्षक कल्याण संघ के प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश शर्मा ने बताया कि बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी केवल शालाओ मे ही क्यो हो,सभी सरकारी विभागो मे बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज होना चाहिये,केवल शिक्षक ही ऐसा प्राणी है जिसके साथ हमेशा प्रयोग किया जाता है।  ऐसे प्रयोग से शिक्षा मे गुणवत्ता संभव नही, क्योकि शिक्षक को ही शक के निगाह से निगरानी किया जा रहा है, समय की पाबंदी डालना शिक्षको को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने जैसा है। शिक्षक हमेशा से अपने दायित्वो का निर्वहन करते आये है।उन्हे बायोमेट्रिक मशीन के नाम पर प्रताड़ित करना बंद करे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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