नर्सों की आउट सोर्सिंग, प्रदेश के साथ विश्वासघात – रेणु जोगी

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

रायपुर–विधानसभा उप नेता प्रतिपक्ष डॉ रेनु जोगी ने राज्य शासन के आउट सोर्सिंग से  बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में नर्सों की भर्ती  का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि एक ओर राज्य शासन प्रदेश में चल रहे निजी नर्सिंग एएनएम कालेजों को बंद करवा रही है। दूसरी तरफ अन्य राज्यों से प्रशिक्षित नर्सों को आउट सोर्सिंग के माध्यम से बिना विज्ञापन और साक्षात्कार किए प्राइवेट ऐजेन्सी से नियमित भर्ती कर ली गई है। शासन का यह निर्णय प्रदेश की जनता खासतौर पर प्रशिक्षित नर्सों के साथ विश्वासघात है।

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

डॉ जोगी ने कहा कि  बस्तर और सरगुजा नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं। वहां की भौगोलिक स्थिति को देखते हुये नर्स जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति होना अतिआवश्यक है। वर्तमान में आउट सोर्सिंग के जरिए बस्तर और सरगुजा संभागों में नर्स के एक भी पद खाली नहीं है। लेकिन रायपुर बिलासपुर संभाग में नर्सों की अभी भी 500 से अधिक पद खाली हैं। प्रदेश में नर्स की स्वीकृत पदों की संख्या 3274 हैं इनमें 1271 पद रिक्त हैं। स्वास्थ्य संचालनालय ने 1200 पदों पर नियमित भर्ती के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल ;आइएनसीद्ध की गाइड.लाइन के मुताबिक 6 बेड पर एक नर्स होनी चाहिएए जबकि प्रदेश के अस्पतालों में 15.10 बेड पर एक नर्स है।

                                     डॉक्टर्स की गैर मौजूदगी में नर्स ही स्थिति को संभालती है। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल डॉण् भीमराव अम्बेडकर में स्टाफ नर्स की संख्या 440 हैं।  नर्सिंग सिस्टर 49 और असिस्टेंट नर्सिंग सुपरीटेंडेंट 05 है। नर्सेस की कमी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एक वार्ड में 40 मरीजों की देख.रेख दवा.इंजेक्शनए ड्रिप चढ़ाने के लिए सिर्फ 2.3 नर्स है। जबकि होनी चाहिए 10 नर्स। यह स्थिति रायपुर मेडिकल की नहीं बल्कि प्रदेश के 4 अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की भी है।

                      डॉ जोगी ने बताया कि प्रदेश में कुल आठ शासकीय नर्सिंग कालेज एवं 63 निजी कालेज संचालित हैं। जिनमें प्रतिवर्ष 1200 से 1500 आरक्षित और सामान्य वर्ग की नर्सेस नर्सिंग कोर्स कर पास होती है। इतनी भारी संख्या में प्रशिक्षित नर्सों को प्राथमिकता न देकर आउट सोर्सिंग के जरिये नियुक्ति देना छत्तीसगढ़ की बेटियों के साथ अन्याय है। इसके अलावा पिछले 15  सालों में छत्तीसगढ़ में डेन्टिस्ट, फिजियोथैरेपिस्ट, एक्सरे और अन्य टेक्निशियन की नियमित नियुक्ति नहीं हुई है।
डॉ. जोगी ने शासन के आउट सोर्सिंग की कड़ी निंदा करते हुये मांग की है कि बाहरी नियुक्तियों को निरस्त कर प्रदेश में ही प्रशिक्षित नर्सों को प्राथमिकता दी जाए।

close