प्रसाद को निदेशक तकनिकी की कमान….कर्मचारियों ने किया गर्मजोशी से स्वागत..कहा…एसईसीेल को मिलेगा अनुभवों का लाभ

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर—मनोज कुमार प्रसाद ने बुधवार को एसईसीएल के नए निदेशक (तकनीकी) का पदभार संभाल लिया है। पेशे से खनन अभियंता प्रसाद इसके पहले कोल इण्डिया लिमिटेड की अनुषंगी नाॅदर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के खड़िया ओपनकास्ट में क्षेत्रीय महाप्रबंधक के पद पर कार्य किया है। तीन दशक से अधिक के सेवाकाल में प्रसाद ने सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, नाॅदर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड और  साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी है।

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         एसईसीएल के नए निदेशक (तकनीकी) ने आईआईटी-बीएचयू वाराणसी से माईनिंग इंजीनियरिंग की उपाधि प्राप्त की है। फर्स्ट क्लास माईन मैनेजर कम्पेटेन्सी प्राप्त प्रसाद ने बीआईटी मेसरा, राँची से मास्टर इन कम्प्यूटर एप्लिकेशन का कोर्स किया है।

                   खनन अभियंता प्रसाद ने कैरियर की शुरूआत वर्ष 1985 में सीसीएल के बरकाकाना एरिया  माईन इंचार्ज अधिकारी के रूप में की। आईटी क्षेत्र में दक्षता और  अभिरूचि के कारण उन्होनें वहाँ सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर, एनालिस्ट एवं डिजाइनर की भूमिका में भी कार्य किया। प्रसाद के कार्यकाल में सीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में पे-रोल सिस्टम, वित्तीय एकाउंटिंग अपनाने और  कई अद्यतन आई-टी प्लेटफाॅर्म को विकसित एवं कार्यान्वित किया।

 प्रसाद ने सीसीएल के पीपरवार खुली खदान जो कि भारत-आस्ट्रेलिया का संयुक्त उद्यम था। टेक्नोलाॅजी ट्रांसफर के जरिए देश में पहली बार वाशरी के साथ मोबाइल इनपुट क्रशिंग और कन्वेईंग सिस्टम लगाने के दौरान बतौर माइन मैनेजर पदोन्नत हुए।बाद में अशोका खुली खदान में माइन मैनेजर की भूमिका में कार्य किया। सीसीएल में पहली बार सरफेस माइनर और ओबी आउटसोर्सिंग को अपनाते हुए खदान के उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई।

                     एम.के. प्रसाद पूर्व में भी एसईसीएल में कार्यरत रहे हैं। गेवरा क्षेत्र में माइन मैनेजर के दौरान क्षेत्र में एसईसीएल में पहली बार सरफेस माइनर तकनीक का समावेश किया गया। 42 क्यूबिक मीटर शाॅवेल, 240 टन डंपर जैसे नई तकनीक को शामिल किया गया।

   2 008 में प्रसाद का स्थानांतरण एनसीएल सिंगरौली हुआ।  क्षेत्रीय महाप्रबंधक की भूमिका में बीना खुली खदान के उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज किया गया। 10 मिलियन टन क्षमता के बीना-ककरी प्रोजेक्ट समायोजन के कार्यान्वयन से भी जुड़े। 2015 से 2018 के बीच कंपनी में दूधीचुआ ओसीपी के क्षेत्रीय महाप्रबंधक कार्यकाल के दौरान प्रोजेक्ट की उत्पादन क्षमता 15.50 मिलियन टन तक पहुँची। इसी दौरान आईटी कार्यान्वयन से जुड़े।  एनसीएल मुख्यालय में महाप्रबंधक (सिस्टम) का अतिरिक्त कार्यभार संभाला। एनसीएल में इस दौरान आईटी क्षेत्र की महत्वपूर्ण गतिविधियों कोलनेट, ओआई टीडीएस, सीसीटीव्ही, जीपीएस आधारित व्हिकल ट्रेकिंग सिस्टम के कार्यान्वयन में तेजी देखी गई।

                    वर्तमान दायित्व से पूर्व एनसीएल में खड़िया ओपन कास्ट में क्षेत्रीय महाप्रबंधक के तौर पर प्रसाद का कार्यकाल उत्पादन एवं डिस्पैच में कीर्तिमानों भरा रहा। प्रोजेक्ट ने आज दिनांक तक, लक्ष्य प्राप्ति के अतिरिक्त उत्पादन एवं डिस्पैच में क्रमशः 32.64 प्रतिशत तथा 42.65 प्रतिशत की अभिवृद्धि दर्ज की।

                 मनोज कुमार प्रसाद ने वर्ष 1994, 2017 एवं 2019 में आस्ट्रेलिया में तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त किया है। नेशनल एवं इंटरनेशनल फोरम/कान्फ्रेन्स में 9 तकनीकी पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। एमजीएमआई के लाईफ-टाइम मेम्बर तथा इसके सिंगरौली चैप्टर के सेक्रेटरी भी हैं।

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