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रामानुजगंज(पृथ्वीलाल केशरी )-जनपद पंचायत रामचन्द्रपुर के नगारा ग्राम पंचायत निवासी दिव्यांग राकेश प्रजापति पढ़-लिखकर प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहता है, इसके लिए वह पूरी प्रतिबद्धता के साथ पढ़ाई कर रहा है। वह दोनों आंखों से दृष्टिबाधित होने के बावजूद आई.ए.एस.बनने की इच्छा रखता है। राकेश प्रजापति के माता-पिता अपने बच्चें की पढ़ाई के लिए चिंतित रहते थे। किसी तरह गांव के प्राथमिक विद्यालय में उसने अन्य बच्चों के साथ प्राथमिक स्तर की पढ़ाई पूरी की। इसके पश्चात उसका दाखिला देहरादून के ब्लाइंड स्कूल में किया गया। इस विद्यालय में राकेश ने 10 वीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी की और उसके बाद उसने दिल्ली में रहकर राजकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय प्रशांत बिहार दिल्ली धुनपुरी से सी.बी.एस.ई.पाठ्यक्रम से बारहवीं की पढ़ाई की। राकेश ने बारहवीं में 82 प्रतिशत अंक अर्जित कर अपने सपनों को ऊंची उड़ान के लिए मजबूती दी। राकेश ने अपनी प्रतिभा से न सिर्फ अपने क्षेत्र बल्की राज्य का नाम भी रोशन किया।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे
राकेश को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उसकी इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। जिला प्रशासन द्वारा बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में 82 प्रतिशत लाने पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। राकेश ने अपनी प्रतिभा से यह साबित किया कि आंखे नहीं होने के बावजूद सुन्दर सपने देखें जा सकते है। कलेक्टर संजीव झा ने राकेश के परिवार की गरीबी को देखते हुये दिल्ली में स्थित एक ब्लाइंड कालेज में दाखिला कराया। उन्होंने राकेश के दिल्ली में रहने का सारा खर्च वहन करना स्वीकार किया। कलेक्टर ने राकेश को एक लैपटाप भी दिया है।
राकेश 21 जून को अपने सपनों को साकार करने दिल्ली रवाना हो गया है। गौरतलब है कि राकेश अपने तीन भाइयों और एक बहन में दूसरे नम्बर का है और बचपन से ही उसकी रुचि पढ़ाई में रही है। राकेश को कभी इस बात का अफसोस नहीं रहा कि उसका दृष्टिबाधित होना उसके सपनों को पूरा करने में बाधा बन सकता है। राकेश के माता-पिता ने उसकी हौसला अफजाई की और आज जिस मुकाम तक वह पहुँच पाया है इसके पीछे उसके परिजनों का हाथ है।