मलेरिया से दुनिया में सर्वाधिक मौत….डॉ.मधुलिका सिंह ने बताया…साल 2030 तक मलेरिया मुक्त भारत का लक्ष्य

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में सबसे अधिक मौत मलेरिया से होती है। यद्यपि सालों साल से मलेरिया के रोकथाम का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन अभी नियंत्रण पाने में कामयबी नहीं मिली है। रेसिस्टेन्स पावर विकसित होने के कारण मादा एनाफिलिस मच्छर आज भी समूल नष्ट नहीं किया जा सका है। हमारे जिले में मरवाही,पेन्ड्रा,कोटा मलेरिया जनित क्षेत्रों में गिनती होती है। मलेरिया से बचाव के लिए उपचार के साथ बचाव की सख्त जरूरत है। यह बातें एक निजी प्रतिष्ठान में आयोजित स्वास्थ्य कार्यशाला के दौरान संयुक्त संचालक डॉ.मधुलिका सिंह, मलेरिया विभाग के प्रमुख ड़ॉ एस.के.लाल ने दी। मीडिया कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने मलेरिया से लेकर अन्य महामारी समेत विभिन्न प्रकार के रोगों की जानकारी दी। पावर पाइंट के माध्यम से रोग से बचने और उपचार के बारे में बताया।

                                                                                 एक निजी प्रतिष्ठान में स्वास्थ्य पराममर्श मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान पावर पाइंट के माध्यम से वैक्टर,रोगों और उसके उपचार की जानकारी दी गयी। कार्यशाला को स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त संचालक,डॉ.मधुलिका सिंह,डॉ.एसके लाल.आरती ,नदीम अहमद,असीम जैदी ने विभिन्न प्रकार के रोगों की जानकारी दी। बचने के उपाय भी बताए।

                                         पावर पाइंट के माध्यम से बताया कि रोग से बचने के लिए सबसे उपाय साफ सफाई पर ध्यान देना है। गंदगी ही सारे रोग की जड़ होती है। वैक्टर पनपने से रोग का ट्रांसमिशन आसान होता है। वक्ताओं ने जानकारी दी कि दुनिया में सर्वाधिक मौत मलेरिया से होता है। मच्छर इसके संवाहक होते हैं। दुनिया में 4057 प्रकार के मलेरिया वाहक हैं। इसमें से 57 वैक्टर अपने देश में हैं। मादा एनाफिलीज से मलेरिया का प्रसार होता है। मलेरिया अमीबा जनित जानलेवा  रोग है। मच्छरों को समूल नष्ट करने दुनिया में अभियान चलाया जा रहा है। बावजूद इसके रिसिस्टेन्स पावर विकसित होने की वजह से मच्छरों को नष्ट नहीं किया जा सका है। इसलिए मलेरिया से बचाव के लिए दवा के साथ बचने के उपाय को अपना बेहतर होता है।स

                                                                                             डॉक्टरों ने बताया कि भारत सरकार का प्रयास है कि साल 2030 तक मलेरिया को देश से हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाए। यह प्रयास पोलियो उम्मुलन की ही तरह होगा। इस दौरान पेचिस,हाथीपांव, डायरिया,मस्तिष्क ज्वर,चमकी जैसे रोगों और रोग संवाहकों के बारे में विस्तार से बताया गया। तीन मिनट का वीडियो चलाकर सफाई के तौर तरीकों और उससे होने वाले तमाम रोगों से मुक्ति के बारे में भी जानकारी दी गयी।

                         डॉक्टरों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कालाजार का एक भी रोगी नहीं है। बावजूद इसके कालाजार समेत सभी वैक्टर जनित रोगों के बारे में शासन स्तर पर जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। दवाईयां,मच्छरदानी बांटी जा रही है। एनजीओ,मितातीन भी लोगों के बीच पहुंचकर रोगों की जानकारी देने के साथ बचने के उपाय और दवाइयों के बारे में बता रहे हैं।

                                                                   इस दौरान सवाल जवाब का भी दौर चला। डॉक्टरों ने चमकी रोग के लक्षण और उससे बचने के उपायों पर भी अपनी बातों को रखा। डॉक्टरों ने बताया कि अचानक तेज बुखार का आना, हाथ पैर में अकड़न, बेहोश होना, शरीर का चमकना, कांपना,पेट में मरोड़ आना चमकी रोग के लक्षण हैं। रोग से बचने के लिए गंदे पानी एकत्रित होने वाले स्थान को पाट दिया जाए। पानी के ठहराव को रोका जाए। नीम की पत्ती का धुंआ का उपयोग करें। शाम होते खिड़की दरवाजा को बंद किया जाए। डॉक्टरों ने डेंगू के लक्षण और बचने के उपायों के साथ उपचार के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। ड़ॉक्टरों ने कहा पानी साफ पीने से आधी समस्याओं से जीता सकता है।

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