छत्तीसगढ़ मे तीन महीने चलेगा तबादला उद्योग….. पी.आर. यादव वोले – ” लाश वही है…सिर्फ कफन बदला है…”

Chief Editor
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रायपुर । छत्तीसगढ़ शासन की ओर से कर्मचारी – अधिकारियों के लिए जारी स्थानांतरण नीति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्राताध्यक्ष पी.आर. यादव ने कहा है कि इससे आने वाले तीन महीनों तक प्रदेश में तबादला उद्योग चलेगा और सरकारी कामकाज ठप्प रहेंगे। उन्होने इसे पूरी तरह से कर्मचारी हितों के विपरीत बताते हुए मांग की है कि स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।
पी.आर. यादव ने कहा कि  सेवानिवृत्त अधिकारी कर्मचारियों की संविदा नियुक्ति या रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के स्थान पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही वर्तमान सरकार पूर्वर्ती सरकार के पद चिन्हों पर चल रही है ।अब जारी स्थानांतरण नीति भी शब्दों को उलटफेर कर जस के तस लागू कर दी गई है।वर्तमान स्थानांतरण   नीति में पूर्व की भांति प्रभारी मंत्री से अनुमोदन के नाम पर राजनीतिज्ञों को अप्रत्यक्ष रूप से स्थानांतरण का अधिकार दिया गया है। इस स्थानांतरण नीति में आदेश जारी करने से कार्यभार ग्रहण करने तक के लिए समय सीमा निर्धारित है । लेकिन अभ्यावेदनों पर निर्णय कितने दिनों में होगा, इस पर कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई हैं  । प्रभावित कर्मचारी ,वरिष्ठ सचिवों की समिति के सुनवाई करने की कृपा का इंतजार करेंगे ।
      पी.आर. यादव कहते हैं कि  इस मौके के लिए एक शेर याद आ रहा है –
“पंछी कहता है गगन बदला है
भंवरा कहता है चमन बदला है
लेकिन शमशान की खामोशी बताती है
लाश वही है सिर्फ कफन बदला है”
उन्होने कहा कि महंगाई भत्ता ,सातवें वेतनमान का एरियर, प्रासंगिक भत्तों का पुनरीक्षण, वेतन विसंगति के लिए गठित प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट पर कार्यवाही जैसे मुद्दों पर सरकार की नीति भी पूर्वर्ती के सरकार के समान कर्मचारी विरोधी है ।विधानसभा चुनाव में पोस्टल बैलट गणना से ही तय हो गया था कि भाजपा सरकार बुरी तरह हार रही है। ठीक उलट लोकसभा में पोस्टल बैलट से तय हो गया था कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव हार रही है।
 वर्तमान स्थिति को देखेंगे हुए कर्मचारियों के हित में संघर्ष करने वाले संगठनों को  चिंतन करने की आवश्यकता है।
     उन्होने आगे कहा कि शासन द्वारा जारी नीति से स्थानांतरण “उद्योग” का दर्जा प्राप्त कर लेगा। भाजपा सरकार के जिस स्थानांतरण नीति का विपक्ष में रहकर कांग्रेस विरोध करती थी  । वही स्थानांतरण नीति शब्दों को उलटफेर कर शासन द्वारा लागू कर दी गई है । पहले जिला स्तर पर उसके बाद शासन स्तर पर दो महीना पूरा प्रशासन अधिकारी- कर्मचारियों के स्थानांतरण के कार्य में लगे रहेंगे। उसके बाद एक महीना प्रभावित कर्मचारियों के स्थानांतरण निरस्त कराने की भागदौड़ और स्थानांतरित कर्मचारी नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने की आपाधापी में रहेंगे ।इस तरह तीन महीना शासकीय कामकाज ठप्प रहेगा। शासन की इस नीति से बेरोजगार राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जरूर इन तीन महीनों के लिए रोजगार मिल जाएगा।
 पी . आर. यादव ने  शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति को छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने कर्मचारियों के हितों के विपरीत मानती है। उन्होने कहा कि इस नीति से उन कर्मचारियों को राहत नहीं मिलेगी जो बीमार है अथवा पति पत्नी अलग-अलग स्थानों में पदस्थ है तथा वर्षों से अनुसूचित क्षेत्रो या घर से दूरस्थ पदस्थ हैं। पूर्व की भांति बदले की भावना एवं  दुराग्रह से निर्दोष कर्मचारी प्रताड़ित होंगे ।संघ ने मांग की है कि स्थानांतरण की पूरी कार्यवाही को पारदर्शी बनाया जाए तथा प्रभावित कर्मचारियों के अभ्यावेदनो पर निर्धारित समय सीमा में निराकरण किया जाए।
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