कांग्रेस नेता संतोष कौशिक ने कहा…अरपा भैंसाझार में जमकर भ्रष्टाचार..ठेकेदार और अधिकारी रच रहे साजिश..किसान रो रहे खूंन के आंसू

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कांग्रेस और किसान नेता संतोष कौशिक ने अरपा भैंसाझार परियोजना की लेट लतीफी पर एतराज जाहिर किया है। संतोष कौशिक ने बताया कि योजना को तीन साल में पूरा हो जाना चाहिए था। लेकिन 6 साल बाद भी योजना है। इसके चलते किसानों को भारी परेशानियों सामना करना पड़ रहा है। संतोष कौशिक ने ठेकेदार समेत विभाग के अधिकारियों पर योजना की लेट लतीफी के जिम्मेदार ठहराया है।

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                           पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस किसान नेता संतोष कौशिक ने बताया कि अरपा भैंसाझार योजना हाथी साबित होने लगी है। किसान पानी की आस में खून के आंसू रो रहा है। साल 2013 में चुनाव के ठीक पहले अरपा भैंसाझार परियोजना को बिना किसी प्रूर्व नियोजित प्लान के सिर्फ जीतने के लिए शुरू किया गया। योजना के लिए 1141.90 की राशि निर्धारित की गयी। लेकिन अब खर्च बढ़ता भी जा रहा है। तीन साल में पूरी होने वाली परियोजना छः साल भी पूरी नहीं हुई है।

            सतोष कौशिक ने बताया कि इन 6 सालो में पानी नहीं मिलने से कोटा, तखतपुर,बिल्हा विकासखण्डों के किसानों को भारी परेशानियों से गुजरने के लिए होना पड़ रहा है। जानकारी मिली है कि अब परियोजना का ठेकेदार नहर में पानी लाने के लिए 250 नलकूप खोदने की अनुमति मांग रहा है। समझने वाली बात है कि योजना को बरसाती और अरपा से बहने वाले पानी को रोककर किसानों को देना है। ऐसे में नलकूप खोदने की क्या जरूरत है। इससे जाहिर होता है कि योजना को धरातल पर उतारने से पहले तकनिकी पहलुओं की तरफ विभाग ने ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि अब धरातल की पानी से नहर में पानी लाने की तैयारी की जा रही है।

                 संतोष कौशिक ने एक सवाल के जवाब में बताया कि हर साल गर्मी के मौसम में कोटा , तखतपुर,बिल्हा विकासखण्डे के किसानों को सिंचाई ही नहीं बल्कि पीने के पानी के लिए तरसना पड़ता है। हमने किसानों के साथ कलेक्टर से मिलकर क्षेत्र में नलकूप खोदने की मांग की थी। लेकिन परियोजना के नाम पर अनुमति नही मिली। अब जानकारी मिल रही है कि ठेकेदार सुनील अग्रवाल को शासन के आंख में धूल झोंककर नलकूप खोदने की अनुमति देने का फैसला किया जाना है।

              कौशिक के अनुसार विभाग के अधिकारी और ठेकेदार ने मिलकर योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया है। उनके पास भ्रष्टाचार को सत्यापित करने वाले प्रमाण भी हैं। कौशिक ने बताया कि योजना को लेकर सदन में वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तात्कालीन जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सामने सभी पहलुओं को रखा था।  तात्कालीन मंत्री  ने बताया था कि योजना को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसके पहले अधिकारी और ठेकेदार योजना को पलीता लगाएं..सख्त क के दम उठाने की जरूरत है।

                     सतोष ने बताया कि यह सब बातें ना तो संगठन के इशारे पर उठा रहा हूं…ना ही योजना को रूकवाने की बात कह रहा हूं। जरूरत है योजना के पुनरीक्षण करने की। सरकार पता लगाए कि आखिर योजना की लेट लतीफी के लिए जिम्मेदार कौन है। भ्रष्टाचार किस हद तक है। विभाग के लिए जनता के रूपयों को ठेकेदार पर क्यों लूटना चाहते हैं। यदि जरूरत पड़े तो ठेकेदार को ही बदल दिया जाए। कौशिक ने कहा मामले को मुख्यमंत्री के सामने गंभीरता से रखूंगा।

तेजी से हो रहा काम

                      मामले में जल संसाधन ईई रामास्वामी नायडू ने कहा कि योजना में पारदर्शिता है। समय समय पर शासन के माध्यम से जांच पड़ताल की भी प्रक्रिया होती है। लेटलतीफी के कई वजह हैं। इसकी जानकारी शासन स्तर पर भी है। क्या आरोप लगाए जा रहे इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।  कयोजना के पूर्ण होने पर किसानों को सर्वाधिक फायदा होगा।

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