एसबीआर ट्रस्ट के असली वारिस ने कहा…हमें पता है कौन है खिलाड़ी..सीएम से मिलेंगे..न्याय का दरवाजा खटखाएंगे…जान देकर बचाएंगे दान की जमीन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— शिवभगवान रामेश्वरलाल चैरिटेबल ट्रस्ट की जमीन का मामला गहराता जा रहा है। विरोध करने वालों को जमीन को पीछे से हथियाने वालों का चेहरा भी दिखाई देने लगा है। जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन से संतोष प्रद जवाब नहीं मिलने से नाराज ट्रस्ट के असली हकदार अब मुख्यमंत्री से मिलकर वस्तुस्थिति को सामने रखेंगे। जानकारी यह भी मिल रही है कि फर्जीवाड़े को लेकर जल्द ही ट्रस्ट के असली वारिश नकाब के पीछे से जमीन को हड़पने की साजिश रचने वाले रसूखदार व्यापारी के खेल का जल्द ही खुलासा करेंगे।

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शिवभगवान रामेश्वरलाल चैरिटेबल ट्रस्ट की जमीन का मामला शान्त होने का नाम नहीं ले रहा है। ट्रस्ट के तथाकथित असली लोग अब कोर्ट के शरण में जाने का फैसला किया है। जानकारी मिल रही है कि ट्रस्ट के असली मालिकों को जमीन के पीछे के खेल और खिलाड़ी को पहचान कर लिया है। सीजी वाल को भी इसकी भनक लग गयी है। फिलहाल ट्रस्ट और जमीन के असली दावेदारों ने संभावना जाहिर की है कि पहले तो मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे। न्याय नहीं मिलने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। पर्दे के पीछे के असली खिलाड़ी को बेनकाब भी करेंगे।

                   खुद को ट्रस्ट का वारिश बताने वाले अतुल बजाज ने बताया कि जब जरूरत महसूस होगी असली चेहरे को सामने पेश कर दूंगा। जिसने फर्जीवाड़ा कर कमल बजाज के साथ धर्मार्थ जमीन को हथियाने का षड़यंत्र रचा है। जानकारी मिल चुकी है कि कमल को जमीन के एवज में पर्दे के पीछे के खिलाड़ी ने चालिस लाख रूपए दिए हैं। लालच में आकर कमल बजाज ने परिवार के सिद्धान्तों और नीतियों का गला घोंटा है।

                                            बताते चलें कि एक दिन पहले अतुल बजाज ने प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में कमल बजाज और पर्दे के पीछे के खिलाड़ी को फर्जी दस्तावेज के सहारे धर्मार्थ जमीन को हथियाने की साजिश करने का आरोप लगाया था। अतुल बजाज ने बताया था कि साल 1944 में दारा परदादा ने एक लाख रूपए धर्मार्थ के लिए दान दिया। दान के एक लाख रूपयों से जमीन खरीदा गया। जमीन के कुछ हिस्से पर शिव भगवान रामेश्वरलाल चैरिटेबेल ट्रस्ट के माध्यम से जमीन पर कालेज का निर्माण किया। कालेज नियंत्रण की जिम्मेदारी महाकौशल एजुकेशन सोसायटी को दी गयी। बाद में साल 1972 में सरकार ने कालेज को ले लिया। इस बीच किन्ही कारणों से जमीन का हस्तातंरण शासन को नहीं हो पाया।

                                                                 अतुल बजाज के अनुसार जमीन का एक हिस्सा जो दो एकड़ 28 डिसीमल होता है। बजाज परिवार ने धर्मार्थ कार्यों के लिए अपने पास ही रखा। अतुल ने यह भी बताया कि वर्तमान में यह जमीन मैदान के रूप में उपयोग हो रहा है। चूंकि जमीन धर्मार्द उपयोग में होना है। इसलिए उस तरफ ध्यान नहीं दिया। इस बीच साल 2007 में ट्रस्ट के चैयरमैन शंकरलाल बजाज की मौत हो गयी। सचिव आज भी जीवित हैं। परिवार के लोगों का ध्यान पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण ट्रस्ट के चुनाव की तरफ ध्यान नहीं दिया।

                     इस बीच जानकारी मिली कि कमल बजाज खुद को ट्रस्ट का चैयरमैन घोषित कर दिया। अपने दों बेटों को शामिल कर सचिव और अन्य पद दे दिया। एक अन्य सदस्य को भी शामिल कर दिया। शासन को बताया कि जमीन का अब कोई वारिस नहीं है। फिलहाल परिवार के सदस्य होने के कारण ट्रस्ट की जमीन पर उनका अधिकार है। वह दो एकड़ से अधिक जमीन को जरूरतों के कारण बेचना चाहते हैं। गुपचुप फर्जी तरीके से इश्तहार जारी किया गया। अतुल  के अनुसार इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि ट्र्सट की जमीन को साजिश कर बेजा जा रहा है। कलेक्ट

                                           मामले में एसडीएम और कलेक्टर से सम्पर्क किया गया। उन्होने बताया कि जमीन का नामांतरण और रजिस्ट्री होने वाला है। मामले को लेकर पंजीयन को अवगत कराने का आश्वासन दिया गया।

अतुल बजाज ने बताया कि उन्हें अच्छी तरह से मालूम है कि जमीन पर कौन और क्यों पैसा लगा रहा है। कमल बजाज को क्यों इश्तेमाल किया जा रहा है। जबकि जमीन ना तो उसकी है और ना ही मेरे परिवार की। जमीन धर्मार्थ कार्यों के लिए है। हम जमीन को हरगिज जमीन माफियों के हाथो में नहीं जाने देंगे। हमारे पास पुख्ता प्रमाण है कि जमीन पर कौन साजिश रच कर पैसा लगा रहा है।

अतुल बजाज ने बताया की रविवार को सीएम से सम्पर्क का प्रयास करेंगतयदि बिलासपुर में मुलाकात नहीं हुई तो रायपुर कर मिलेंगे। न्याय नहीं मिलने पर न्यायालय दरवाजा खटखटाएंगे…साजिश कर्ता का नाम भी उजाकर करेंगे।

सूत्रों की माने तो जमीन पर शहर के ही एक रसूखदार व्यापारी की नजर है। जिसने कमल बजाज को उपयोग कर करोड़ों की जमीन को हड़पने का पुख्ता इंतजाम किया है। जानकारी यह भी है पर्दे के पीछे का खिलाड़ी राजनीति दबाव भी बनाने से बाज नहीं आ रहा है।

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