बिलासपुर—एक दिन पहले बिलासपुर प्रवास के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बयान पर कांग्रेस नेताओं ने तीखा बयान जारी किया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि रमनसिंह ने स्व विकास और भ्रष्टाचार को छत्तीसगढ़ का विकास मान लिया था। रमन काल में सभी योजनाएं लोगो के लिए बल्कि स्वहित के लिए तैयार की गयी थी। यही कारण है कि भूपेश सरकार ने जांच का आदेश दिया है। मामला न्यायालय में पूर्व सीएम को न्याय पर विश्वास करना चाहिए। झूठ और सच सामने आ जाएगा।
बताते चलें कि एक दिन पहले पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह पार्टी की संभागीय बैठक में शामिल होने बिलासपुर प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होनें पत्रकारो से चर्चा के दौरान बताया कि वर्तमान सरकार की लोकप्रियता तेजी से घटी है। लोकसभा में कांग्रेस की करारी हार होने की मुख्य वजह वादा खिलाफी है। विभागों से फण्ड वापस लिए जाने के कारण प्रदेश का विकास थम गया है। वित्तीय स्थिति दिवालिए पन के करीब है।
पूर्व सीएम के बयान पर तीखा बयान जारी करते हुए कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा नेता बदलापुर कह कर न्यायालय के शरण में जा रहे हैं। दामाद पुनीत गुप्ता ने मेडिकल में करोड़ो का घोटाला किया। पुत्र अभिषेक का नाम पनामा गेट घोटाला में सामने आया है। नान घोटाला और चिटफण्ड कम्पनियो को लाभ पहुंचाने कई प्रकार के चोंचलेबाजी हुई। व्यापार मेला राजनांदगांव का उद्घाटन कर अप्रत्यक्ष रूप से चिटफण्ड कम्पनी को लाभ पहुचाने का काम रमन की भाजपा सरकार ने ही किया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय ने बताया कि नान घोटाला की डायरी में परिजनों का नाम होना…बहुत कुछ जाहिर करता है। डायरी में रमन परिवार की लंबी फेहरिस्त है। पूर्व विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियो के हाथों हत्या पर दुख जाहिर करते हुए दुख जाहिर करते हुए अटल और अभय ने कहा कि सरकार नक्सली हरकतों की निंदा करती है। रमन सिंह जिस तरह नक्सली घटना में वृद्धि और मंडावी परिवार को आर्थिक लाभ की बात कह गए…ऐसा बयान पूर्व सीएम के स्तर का नहीं है। उन्हें याद होना चाहिए केवल झीरम घाटी में 32 कांग्रेस नेता नक्सल हमले में शहीद हो गए।
इतना ही नहीं सीआरपी ऍफ़ के 76 जवान सड़क निर्माण की सुरक्षा में शहीद हुए। उस समय डॉ.रमन सिंह की संवेदनाये,और आर्थिक सोच कहाँ थी ? पूर्व सीएम ने झीरम मामले में सही दिशा में जाँच तक नही कराया। उलटे तात्कालीन समय क्षेत्र में नियुक्त अधिकारियो को प्रमोशन देकर उपकृत किया। रमन सिंह जब सत्ता से हटे तो प्रत्येक छत्तीसगढ़िया के ऊपर 20 लाख का कर्ज छोड़ के गये। जबकि कांग्रेस सरकार जब 2003 में सत्ता से हटी तो प्रदेश के खजाने में 4 हजार करोड़ रूपए थे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि रमन सिंह ने विकास के नाम पर छत्तीसगढ़ के संसाधनों को लुटाया है। मित्र उद्योगपतियों को लाभ दिया है। उन्हें अब भय, आतंक का माहौल दिखाई दे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। क्योंकि जांच में धीरे धीरे सभी घोटालेबाजों का चेहरा बेनकाब होने वाला है। कांग्रेस नेेताओं ने कहा कि शायद रमन सिंह भूल गए भाजपा कार्यकाल में पत्रकार भी सुरक्षित नही थे। बिलासपुर के पत्रकार पाठक हत्याकांड,बस्तर में शुक्ला पत्रकार, बस्तर में गर्ल्स हॉस्टल नाबालिक बच्चियो के साथ दुष्कर्म, मीणा खलखो फ़र्ज़ी एनकाउंटर आज भी सबको याद है।
विकास के नाम पर न ड्राइंग,न डिजाइन ,न केंद्र सरकार से अनुमति फिर भी खूंटाघाट से पानी लाने के लिए पाइप बिछाई जा रही है। जब अहिरन से खूंटाघाट के लिए पानी लाने की कार्य योजना पेंडिंग है…फिर पाइप लाइन क्यों बिछाने की अनुमति दी गयी है।? इसका सीधा जवाब कमिशनखोरी से जुड़ा है।
कांग्रेस नेताओं ने पूर्व सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि रमन सिंह जब मुख्यमंत्री थे तब आदिवासी समाज प्रताड़ित था। ,वन भूमि पट्टा नही दिया गया। लेकिन भूपेश सरकार ने प्राथमिकता पर योजना लागू कर आदिवासियों के हितों में कदम उठाया है। वन उपज का लाभ आदिवासियो को मिले…बिचौलिओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। पूर्व सीएम को चिप्स घोटाला याद होगा। क्योंकि विभाग के मुखिया खुद थे। 74 कम्प्यूटर,2 मेल आईडी से 4601 करोड़ का टेंडर निकाला गया। टेंडर उसी कम्प्यूटर से भरा गया ,इससे बड़ा घोटाला देश में आज तक हुआ ही नही। अभय ने कहा कि रमन सिंह को आत्मचिंतन की जरूरत है। उन्हें छत्तीसगढ़ के युवा,किसान,मजदूर,अनुसूचित जाति,जन जाति, महिला ,मध्यम वर्ग के साथ 15 वर्ष के अत्याचार के लिए प्रायश्चित करना चाहिए।