तीन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और दस सहायिकाओं की सेवा समाप्त, लम्बे समय से थीं गैरहाजिर,बस्तर और सरगुजा में हुई कार्रवाई

Shri Mi
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जगदलपुर।लम्बे समय से बिना किसी पूर्व सूचना के अपने कार्य में अनुपस्थित रहीं दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 10 सहायिकाओं की सेवा समाप्त कर दी गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि ये सभी कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं बिना किसी पूर्व सूचना के लम्बे समय से अपने कार्य में अनुपस्थित थीं इससे शासन की पोषण सहित विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाएं इन केन्द्रों में लगातार प्रभावित हो रही थी।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

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जिला कार्यक्रम अधिकारी की अनुमति से परियोजना अधिकारियों के द्वारा इन कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की सेवा समाप्त कर दी गई है।

उन्होंने बताया कि दलपत सागर की कार्यकर्ता श्रीमती गीता यादव, सुआचोण्डी की कार्यकर्ता बोदाबाई, बेलगुड़ा-03 की सहायिका भगवती, उड़ीयापाल तलपारा की सहायिका श्रीमती मालती, गुमडेल-01 की सहायिका गिरोजा, जैतगिरी की सहायिका कुमोदलता तिवारी, मगनार-05 की सहायिका श्रीमती पार्वती, सतोसा (चालानगुड़ा) की सहायिका श्रीमती सुबई, डुरकाटोगा की सहायिका रूकमणी, धाराउर क्र-04 की सहायिका चन्द्रकला मेश्राम, धाराउर क्र-05 की सहायिका भावना मेश्राम की सेवा समाप्त कर दी गई है।

इन सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को बस्तर कलेक्टर के समक्ष 30 दिन के भीतर अपील दर्ज करने की मोहलत दी गई है।

वही अम्बिकापुर में भी करवाई हुई है।जिले में कुपोषण मुक्ति के लिए नवाचार कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में विशेष सुपोषण योजना के क्रियान्वयन में बाधा पहुंचाने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमित्रा को तत्काल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी लुण्ड्रा से जारी आदेशानुसार लुण्ड्रा जनपद अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र डूमरडीह 02 में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमित्रा के द्वारा नवम्बर 2018 से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से संचालित कुपोषण मुक्ति कार्यक्रम तथा हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा शुरू किये गये विशेष सुपोषण योजना में बाधा पहुंचाने के फलस्वरूप आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी कार्यकर्ता की नियुक्ति से संबंधित निर्देश की कण्डिका 8.1 तथा 8.5 में दिये गये प्रावधान के अनुसार सुमित्रा को तत्काल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।

आदेश में डूमरडीह सेक्टर पर्यवेक्षक को निकटतम केन्द्र की कार्यकर्ता को तत्काल प्रभार सौंपने के निर्देश दिये गये है।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर के मार्गदर्शन में कुपोषण मुक्ति हेतु नवाचार अंतर्गत जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों दो दिन सप्ताह में अण्डे एवं सोया बीन बड़ी खिलाया जा रहा है, जिसकी शुरूआत शुक्रवार को प्रभारी मंत्री डॉ. शिव डहरिया द्वारा किया गया है।

डॉ मित्तर ने योजना की तैयारी के समय से ही महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिये थे कि इस योजना में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। कलेक्टर के निर्देशानुसार योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही पर पहली बड़ी कार्यवाही की गई है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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