छत्तीसगढ़ के स्कूलों और आंगनबाडियों में बच्चों को अंडा देने जनसंगठनों ने की मांग

Shri Mi
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रायपुर।छत्तीसगढ़ में बच्चों में कुपोषण की स्थिति अति गंभीर है। अधिकारिक सर्वेक्षणों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 38% बच्चें कुपोषण से पीड़ित हैं (NFHS-4।अनुसूचित जनजाति के बच्चों में कुपोषण की दर 44% है। हमारे ग्रामीण व शहरी गरीब बच्चों में से लगभग हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है| कुपोषण बाल्य मृत्यु का भी सबसे बड़ा कारण है| कुपोषण के कारण बच्चों के सीखने की क्षमता पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है।अंडा बढ़ते हुए बच्चो के लिए प्रोटीन का एक उत्तम स्त्रोत है।वास्तव में अंडे से लगभग सभी ज़रूरी पोषक तत्त्व मिलते हैं; विटामिन सी जैसे एक दो तत्त्व छोड़ कर।अंडा स्वादिष्ट, लोकप्रिय एवं सुरक्षित आहार है।शासकीय सर्वे (SRS 2014) के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 83% से अधिक लोग अंडा सेवन करते हैं| सरकारी स्कलों एवं अंगनवाडियों में जाने वाले माँसाहारी बच्चों का प्रतिशत और भी अधिक है।इसलिए प्रदेश के शासकीय कार्यक्रमों में उच्च कोटी प्रोटीन तत्त्व जोड़ने के लिए अंडा एक सर्वोत्तम विकल्प है| भारत के 15 से अधिक राज्यों के मध्यान्ह भोजन और अंगनवाडी में कई सालों से अंडा दिया जा रहा है| छत्तीसगढ़ से लगे ओड़ीशा, झारखण्ड, तेलेंगाना और आंध्रा प्रदेश में भी।

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शासकीय कार्यक्रमों में अंडा को जोड़ते समय उन पालकों की भावनाओं का आदर किया जाना चाहिए जो नहीं चाहते कि उनके बच्चें अंडा खाएं| उनके लिए अंडा के स्थान पर केला व दूध आदि के विकल्प उपलब्ध कराए जाने चाहिए| राज्य शासन द्वारा मध्यान्ह भोजन पर जनवरी में जारी किये गए आदेश में भी अंडा के अतिरिक्त शाकाहारी विकल्प रखे जाने का उल्लेख किया गया है| अतः शासकीय कार्यक्रमों में अंडा देने के प्रावधानव का कुछ लोग द्वारा किया जा रहा है विरोध जायज़ नही है|

अंडा देने से प्रदेश के बच्चों में व्याप्त कुपोषण की समस्या को कम किया जा सकता है| यदि शासकीय कार्यक्रमों में अब भी अंडा शामिल नहीं किया गया तो यह प्रदेश के बच्चों को गंभीर कुपोषण की और धकेल देगा| छत्तीसगढ़ सरकार को शासकीय स्कूल एवं अंगनवाडियों में हफ्ते में 5 दिन अंडा प्रदाय के लिए तुरंत मजबूत पहल करनी चाहिए|

भोजन का अधिकार अभियान छत्तीसगढ़
जन स्वास्थ्य अभियान छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ महिला अधिकार मंच, छत्तीसगढ़
दलित मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, छत्तीसगढ़
सर्व आदिवासी समाज, बस्तर
आदिम जाती बैगा समाज, छत्तीसगढ़
पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पी.यू.सी.एल), छत्तीसगढ़
भारतीय मजदूर आँगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ, कबीरधाम
आदिवासी जन वन अधिकार मंच, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ नागरिक संयुक्त संघर्ष समिति, छत्तीसगढ़
क्रन्तिकारी सांस्कृतिक मंच, छत्तीसगढ़
कोयतुर युवा समिति, कबीरधाम
गाँव बचाओ समिति, कबीरधाम
बाल अधिकार संगठन, कबीरधाम
छत्तीसगढ़ वन अधिकार मंच, कबीरधाम
किशोरी संघर्ष मंच, कबीरधाम
दिव्यांग जन फोरम, कबीरधाम
लोकतान्त्रिक सांस्कृतिक पहल, रेला
शांति सद्भावना मंच, छत्तीसगढ़
मनरेगा मजदुर संगठन, छत्तीसगढ़
दलित आदिवासी मंच, महासमुंद
आदिवासी महिला महासंघ, जशपुर
गोंडवाना समग्र क्रांति, बस्तर संभाग
युवा प्रभाग सर्व आदिवासी समाज, बस्तर
छत्तीसगढ़ बाल अधिकार अभियान, रायपुर
जनचेतना, रायगढ़
आदिवासी अधिकार समिति, कोरिया
पहाड़ी कोरवा महापंचायत, सरगुजा
दलित अधिकार अभियान, पामगढ़
आदिवासी दलित मजदूर किसान संघर्ष, रायगढ़
ग्राम सभा अधिकार मंच, बलरामपुर
जागो जन परिषद, बिलासपुर
गोंडवाना यूथ फोर्स चारामा
जन सहयोगी मंच, कांकेर
छत्तीसगढ़ किसान मजदुर आंदोलन, सरगुजा

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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