कई शिक्षा कर्मियों का दो जगह तबादला, वीरेंद्र दुबे बोले – स्थानांतरण सूची में कई खामियां

Shri Mi
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय रायपुर द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2019 के अनुसार प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव के अधीन शिक्षा विभाग में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को प्रशासनिक/स्वेच्छिक पर स्थानांतरित करते हुए उनके नाम के समक्ष दर्शाए गए स्थान पर पदस्थ किया गया है।सीजीवाल डॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे

राजनांदगांव जिले के शिक्षाकर्मियों के स्थानांतरण में प्रथम दृष्टि में ही भारी इधर उधर दिखाई दे रहा है।जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय शिक्षको के मामले कितना संवेदनशील है पता चलता है। कार्यालय कलेक्टर राजनांदगांव से जारी स्थानांतरण सूची में कुछ शिक्षक LB को दो जगह पदस्थ कर दिया गया है जिसमे एक पदस्थापना में स्वेछिक् तो दूसरा प्रशासनिक कारण बताएं गए है।

जारी स्थानांतरण सूची में सरल क्रमांक 10 में विजयेंद्र कुमार जगनायक प्रा. शा. धनेगाँव मोहला ब्लॉक मोहला की वर्तमान की पदस्थापना है उंसे स्थानान्तरित करते हुए प्रा. शा. हरोटोला (गोटाटोला) मोहला कर दिया गया है।

वही उसी स्थानांतरण सूची के सरल क्रमांक 43 में विजयेंद्र कुमार जगनायक को ही प्रा. शा. धनेगाँव मोहला ब्लॉक मोहला की वर्तमान की पदस्थापना है उन्हें प्रा. शा. नाटीपार मोहला विकासखंड कर दिया गया है। एक ही शिक्षक दो अलग अलग स्कूलों में 2 जगह पदस्थ कर दिया गया है ।

सरल क्रमांक 9 सहायक शिक्षक LB शाहिद खान प्रा.शा. गट्टेगहन मानपुर से प्रा. शा. गुहा टोला मोहला स्वेछिक आधार पर कर दिया गया है जबकि सरल क्रमांक 19 में शाहिद खान को ही प्रा.शा. गट्टेगहन मानपुर से प्रा.शा. डोस टोला मोहला कर दिया गया है।

शिक्षको के ट्रांसफ़र में सरकारी व्यवस्था से नाराज शालेय शिक्षक संघ मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौपेंगे ज्ञापन सौपने की तैयारी में है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि राजनांदगांव की स्थानांतरण सूची में कई खामियां है। जारी स्थानांतरण सूची में और भी कई नाम है हम लोग फिलहाल इसका मिलान कर रहे है। इस भर्रा शाही ने पूरे प्रदेश में सवाल खड़े कर दिए है।

बताते चले कि शिक्षा कर्मीयो की संविलियन की लडाई में स्थानांतरण भी एक बड़ा मुद्दा था शिक्षक मोर्चा का आंदोलन और उससे पूर्व के हुए आंदोलन में संविलियन और खुली स्थानांतरण नीति की माँग सहित अन्य मांगों के लिए सरकार से लड़ते हुए। कई शिक्षक आकस्मिक मृत्यु का शिकार हो गए ।

इनमें से बहुत से लोग स्थानांतरण इसलिए चाहते थे कि वे पैतृक निवास के करीब अपने परिवार, बूढ़े माँ-बाप की देखरेख करने व अपने बच्चों औऱ पत्नी के साथ रहे , महिला शिक्षक पति के निवास के करीब उनकी पोस्टिंग हो जाय। ताकि एकाकी जीवन से मुक्ति मिले.।

देखे सूची …

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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