नए सांसद ने मांगा बंगला…..संभागायुक्त ने थमाया पुराने को नोटिस…कहा…लखनलाल- तत्काल खाली करें आवास

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— बिलासपुर लोकसभा के पुराने सांसद लखनलाल साहू को कमिश्नर ने नोटिस देकर सरकारी बंगला को तत्काल खाली करने को कहा है। कमिश्नर ने सरकारी पत्र जारी कर कहा है कि आपका पंच वर्षीय कार्यकाल खत्म हो चुका है। नए सांसद को बंगाला की जरूरत है। जरूरी है कि आप नेहरू चौक स्थित आवंटित सांसद के बंगले को खाली करें। इसके बाद कार्यालय को सूचित भी करें…बहरहाल चर्चा का विषय है..। लोग कयाय लगा रहे हैं कि प्राइम लोकेशन होने के कारण अरूण साव ने शायद उसी बंगला को मांगा है जिसमे निवर्तमान सांसद रहते है। चर्चा यह भी है कि स्थानीय प्रशासन ने जानबूझकर अरूम साव को उसी बंगला को देने का फैसला किया है। जहां आज भी पूर्व सांसद लखनलाल साहू निवास कर रहे हैं। फिलहाल देखने वाली बात है कि लखनलाल साहू नोटिस को किस रूप लेते हैं। बताते चलें कि लखनलाल साहू को रिकार्ड तोड़ जीत मिलने के बाद भी चुनाव में दुबारा नहीं उतारा गया। अन्दर की खबर है कि लखनलाल साहू इस बात को लेकर आज भी अपने वरिष्ठ नेताओं से नाराज चल रहे हैं।

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                             जानकारी के अनुसार नए सांसद अरूण साव ने कमिश्नर प्रशासन से लिखित आवेदन देकर मांग किया है कि उन्हें शासकीय कार्यों के लिए आवास की सुविधा दी जाए। आम जनता से मिलने में असुविधा होती है। बताया जा रहा है कि सांसद अरूण साव ने जुलाई महीेने की शुरूआत में आवेदन देकर बंगला की मांग की थी। लेकिन आज तक उन्हें बंगला नहीं दिया गया है। बताते चलें कि पूर्व सांसद लखनलाल साहू को साल 2013 के चुनाव रिकार्ड तोड़ जीत हासिल हुई थी। बावजूद इसके उन्हें दुबारा मैदान में नहीं उतारा गया। महीनों गुजर जाने के बाद भी उन्होने नेहरू चौक स्थित सरकारी बंगला को अभी तक खाली नहीं किया है।

अन्दर से मिली जानकारी के अनुसार लखनलाल साहू हाल फिलहाल बंगला छोड़ने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे थे। यद्यपि उन्हें इस बीच प्रशासन ने बंगला खाली करने का संकेत भी दिया था। लेकिन सांसद ने ध्यान नहीं दिया। शायद उन्हें भरोसा था कि नए सांसद को नया बंगला आवंटित किया जा सकता है। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। अरूण साव के आवेदन पर कमिश्नर कार्यालय ने पूर्व सांसद को बंगला खाली करने के बाद सूचित करने  का नोटिस थमा दिया है।

बहरहाल मामले को लेकर जमकर चर्चा है। बताया जा रहा है कि पूर्व और वर्तमान सांसद में शीतयुद्ध की स्थिति है। कमिश्नर के नोटिस के बाद मामला गंभीर हो सकता है। यद्यपि मामले में जानने का प्रयास किया गया। लेकिन  फोन के बाद भी लखनलाल साहू ने उठाना उचित नहीं समझा। सूत्रों की मानें तो अरूण साव के आवेदन और कार्यालय से नोटिस निकलने के बाद लखनलाल साहू खासा खफा हैं।

तीन लाइन का आवेदन…हमें जानकारी नहीं—अरूण साव

मामले में जब बंगला तकरार को लेकर अरूण साव से सम्पर्क किया गया तो उन्होने कहा कि तकरार का सवाल ही नहीं है। सांसद होने के कारण क्षेत्र में रहने के दौरान लोग अपनी परेशानियों को लेकर घर पहुंचते हैं। जाहिर सी बात है कि लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अरूण साव ने बताया कि उन्होने 1 जुलाई को कमिश्नर कार्यालय में तीन लाइन का आवेदन दिया था। काम काज में आ रही प रेशानियो को देखते हुए बंंगला अलाट करने को कहा। अभी तक क्या हुआ फिलहाल उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

अरूण साव ने बताया कि फिलहाल इस समय दिल्ली में हूूं। पुराने सांसद को बंगला खाली करने और तत्काल सूचित करने वाले कमिश्नर आदेश की उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन काम के लिए बंंगला का होना जरूरी है।

चर्चा में कमिश्नर की नोटिस…गुटबाजी की चर्चा

शुक्रवार को पूर्व सांसद को बंगला खाली करने की नोटिस केकलबाद पार्टी के अन्दर और बाहर जमकर चर्चा है। लोगों की माने तो पुराने सांसद इस बात  को लेकर खासा नाराज हैं। जबकि लखनलाल साहू  टिकट कटने के बाद पहले से ही अपने वरिष्ठों से नाराज चल रहे हैं। अब अरूण साव के आवेदन के बाद साहू की नाराजगी जाहिर सी बात है कि बढ़ गयी है। जबकि उन्हें भरोसा था कि नए सांसद को नया बंगला अलाट किया जा सकता है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं…कमिश्नर ने ना केवल बंगला खाली करने को कहा…बल्कि खाली करने के बाद तत्काल सूचित किए जाने का भी फरमान जारी कर दिया। यह जानते हुए भी कि अभी एक दर्जन से अधिक बंगला केवल भूत बंगला बनकर हो गया है ।

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