मिलकर खा गए मूलभूत की राशि…सरकारी राशि का सदस्यों ने किया बंटरबांट…शिकायत लेकिन…कोटा सीईओ मौन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कोटा जनपद पंचायत के सदस्यों ने जनपद अध्यक्ष समेत पंचायत अधिकारियों और दबंग सदस्यों पर मिली भगत करते हुए मूलभूत सुविधा राशि को हड़पने का आरोप लगाया है। शिकायत कर्ताओं ने बताया कि जनपद अध्यक्ष लखन पैकरा समेत अन्य दस ग्यारह सदस्यों ने साजिश के तहत पांच छः सदस्यों को दरकिनार करते हुए विकास निधी के रूपयों का बिना किसी प्रकार का काम कराए बंदरबांट कर लिया है।  जिला प्रशासन से मांग की है कि जनपद पंचायत कोटा की मूलभूत राशि की अनुमोदित कार्यों की सूची को तत्काल निरस्त कर जांच करे।कोटा जनपद पंचायत के आदिवासी और गैर आदिवासी सदस्यों ने आज जिला पंचायत समेत जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अध्यक्ष लखन पैकरा समेत अन्य दस सदस्यों पर शासकीय राशि को बंदरबांट किए जाने का आरोप लगाया है। शिकायत कर्ता जनपद सदस्याय कृष्णा,सविता,नीलू सिह और अन्य सदस्यों के प्रतिनिधियों ने बताया कि राशि की बंदरबांट की जानकारी जनपद सीईओ कोटा को भी है। लेकिन शिकायत के बाद भी उन्होने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ किसी प्रकार का सख्त कदम नहीं उठाया है।

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                           शिकायत कर्ताओं ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार विकास निधी का उपयोग केवल मूलभूत सुविधाओं पर ही किया जाता है। सामान्य सभा के माध्यम से सभी प्रतिनिधियों के सामने कार्यों को लेकर चर्चा होती है। इसके बाद आम सहमति से राशि का आवंटन किया जाता है। लेकिन कोटा जनपद पंंचायत में ऐसा कुछ नहीं हुआ। 23 फरवरी को सामान्य सभा की बैठक में गुपचुप तरीके से आधे सदस्यों को अंधेरे में रखकर रजिस्टर की कार्रवाई की गयी। 19 जुलाई 2019 की सामान्य सभा की बैठक में पांच सदस्यों की अनुपस्थिति में जनपद सदस्य ने अरविन्द जायसवाल ने पन्ना लहराते हुए कहा कि विकास निधि से रूपए खर्च करने की अनुमति मिल चुकी है। सभी सदस्यों ने हस्ताक्षर भी कर दिया है। इसलिए इस मुद्दे पर बहस करने की जरूरत नहीं है।

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                          शिकायत कर्ताओं ने जानकारी दी कि पिछली सभा में अनुपस्थित सदस्यों ने अरविन्द जायसवाल की बातों का पुरजोर विरोध किया। दिखाई गयी लिस्ट का विरोध किया। मामले की जानकारी सीईओ मोनिका वर्मा को भी दी गयी। लेकिन उन्होंने आज तक फर्जीवाड़े को लेकर किसी प्रकार का कदम नहीं उठाया है।

                       शिकायत कर्ताओं ने अनुसार विकास कार्यों की अनुमोदित सूची में शामिल जनपद सदस्यों ने 19 जुलाई को घोंघा जलाशय के कृषक कुटीर में सरकारी राशि का बंदरबांट किया है। जानकारी के अनुसार अरविन्द जायसवाल को सात लाख रूपए, जनपद अध्यक्ष लखन पैकरा को पांच लाख रूपए, सविता मनोज गुप्ता को पांच लाख रूपए मिले है। इसके अलावा नेहा साहू,धर्मेन्द्र देवांगन,रियाज जुन्जानी, विनोद बंजारे, रनिता भार्गव, त्रिवेणी उद्देश.जयराज दीक्षित को चार चार लाख रूपए हासिल हुए है। दीपा साहू,शशि मनक निर्मलकर,सीमा रामेश्वर दास यशोदा ओट्टी,भगवती खुसरो के बीच डे़ढ़ डेढ़ लाख का बंटवारा किया गया है।

                   शिकायत कर्ताओं ने यह भी बताया कि विकास निधि का उपयोग जनहित में किया जाना है। बावजूद इसके अधिकारियों की मिलीभगत के बाद सदस्यों और सदस्यों के पतियों ने रूपयों को अपने खजाने में रख लिया है। इसमें जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की भूमिका अहम है। सीईओ की संदिग्ध भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि शिकायत के बाद भी उन्होने मामले को गंभीरता से नहीं लिया है। लोकहित को देखते हुे मामले में उच्चस्तरीय जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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