अब होगी स्कूलों की लगातार निगरानी

Chief Editor
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बिलासपुर ।   शिक्षा में गुणवत्ता के लिए क्रियाशीलता आवश्यक है। स्कूल का ब्लेक बोर्ड बच्चों के जीवन में उजाला लाने का सशक्त माध्यम है। इसके लिए हमें सतत्-प्रयास करने की जरूरत है। शिक्षा गुणवत्ता योजना के माध्यम से हम सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। संभागायुक्त  सोनमणि बोरा ने देवकीनंदन दीक्षित सभा भवन में आयोजित डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के दूसरे चरण में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के प्रशिक्षण सह कार्यशाला में उक्त बातें कही।
संभागायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि इस अभियान के द्वारा जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को टीम बनाकर स्कूलों का निरीक्षण करना है तथा छोटे-मोटे दिक्कतों को दूर कर स्कूलों में शैक्षणिक माहौल बनाने का प्रयास किया जाना है। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था की कमियों के बारे में बहुत बातें की जाती है, किन्तु यह अवसर हम सभी को मिला है कि इन कमियों को दूर करने में अपनी सहभागिता दें। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति स्व.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम जिनके नाम पर शिक्षा गुणवत्ता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने शिक्षा में क्रियाशीलता को प्रमुख स्थान दिया। शिक्षा में सुधार के लिए स्कूलों में निरीक्षण के दौरान बच्चों की क्रियाशीलता के लिए स्कूल में माहौल क्या है, इस पर विशेष फोकस किया जाये। संभागायुक्त ने निरीक्षण के लिए जरूरी बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब स्कूलों का निरीक्षण करें तब बच्चों के साथ बातचीत करें। शिक्षा को रोचक कैसे बनाया जाये। जिससे बच्चे हर दिन स्कूल आने के लिए उत्सुक हो, इसको भी ध्यान में रखा जाये। उन्होंने कहा कि निरीक्षण केवल औपचारिकता न रहे बल्कि दिल से इस अभियान में जुड़े।

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पुलिस महानिरीक्षक  पवन देव ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यार्थी और शिक्षक शिक्षा देने के लिए तत्पर हों। ऐसा वातावरण निर्मित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कैपेसिटी के साथ केपिबिलिटी से कार्य करें। सक्षम राष्ट्र बनाने शिक्षा में गुणवत्ता लायें।
कलेक्टर  अन्बलगन पी. ने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए पहले अधोसंरचना का निर्माण करना आवश्यक है। हमने गांवों में स्कूल निर्माण करायें। फिर शिक्षकों की आवश्यकता हुई। हमने उसकी पूर्ति हेतु शिक्षकों की पदस्थापना की। युक्तियुक्तकरण के आधार पर व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास भी किया। अब भवन निर्माण, स्थापना, शिक्षकों की पूर्ति के उपरान्त, अब शिक्षा के स्तर पढ़ाई में गुणवत्ता लाना आवश्यक है। शिक्षा गुणवत्ता योजना के तहत् बच्चों की पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ मध्यान्ह भोजन, गणवेश के वितरण, रख-रखाव को योजना के प्रथम चरण में ग्राम सभा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने कहा कि पिछले माह शिक्षा गुणवत्ता योजना का प्रथम चक्र सोशल आडिट से प्रारंभ किया गया। इसके लिए विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। तत्पश्चात् स्कूलों की ग्रेडिग की गई। एबीसीडी चार ग्रेडों में स्कूलों को बांटा गया। जिसमें जिले में 757 स्कूलों का चयन अपग्रेड करने के लिए पाया गया है। दूसरे चरण में 100 बिन्दुओं में प्रशनोत्तरी से जनप्रतिनिधि अधिकारी एवं शिक्षा प्रबंधन समिति की टीम द्वारा निरीक्षण किया जायेगा। तत्पश्चात् स्कूलों के गुणवत्ता सुधार के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही की जायेगी। इन 757 स्कूलों को 26 जनवरी तक शिक्षा गुणवत्ता योजना के तहत् अपग्रेड किया जायेगा।
कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर्स द्वारा उपस्थित अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को 100 बिन्दुओं की प्रश्नोंत्तरी के संबंध में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक अभिषेक पाठक अपर कलेक्टर जेपी मौर्य एवं निर्मल तिग्गा सहित सभी अनुविभागों के एसडीएम, तहसीलदार एवं सभी विभागों के अधिकारीगण तथा स्कूलों के प्राचार्यं और जिले के जनपद पंचायतों, नगर पंचायतों, जिला पंचायत के जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला शिक्षा अधिकारी  हेमंत उपाध्याय ने कार्यशाला के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

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