नईदिल्ली।लोकसभा(Loksabha) के मानसून सत्र(Monsoon) में बस्तर(Bastar) सांसद दीपक बैज(Deepak Baij) ने लगातार रेलवे(Railway) का मुद्दा उठाते हुए नियम 377 के तहत बस्तरवासियों के लिए रेल(Rail Network) सुविधा की मांग की. बस्तर(Bastar) जिले से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर(Raipur) 300 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ पहुंचने के लिये आवागमन का एक मात्र सड़क मार्ग है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
ये क्षेत्र पूर्णतः आदिवासी,पिछड़ा और नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। इस क्षेत्र से लौह अयस्क व खनिज संपदा का भंडार है,जिसका वर्षो से निर्यात बड़े पैमाने पर हो रहा है।
वर्तमान में इस क्षेत्र में जो रेल मार्ग है ,वह निर्यात को ध्यान में रखते जगदलपुर(Jagadalpur) से ओडिसा विशाखापट्नम के लिए खनिज परिवहन के लिहाज से बनाया गया है। यात्री ट्रेन ओडिसा होते हुए लंबी दूरी तय करके रायपुर(Raipur) 15 से 16 घंटे में पहुंचती है,जबकि रायपुर की 300 किमी ,जो सीधी दूरी रेल मार्ग से 4 घंटे में पूर्ण हो सकती है।
परंतु बस्तर(Bastar) क्षेत्र के यात्री ट्रेन की सुविधाजनक एवं किफायती सेवा से वंचित है। आज पर्यंत जगदलपुर से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तक रेल मार्ग नही जोड़ा गया है ,जबकि इस क्षेत्र के खनिज संपदा से सरकार को करोड़ों अरबो रुपया का राजस्व प्राप्त हो रहा है।
अतः कोंडागांव(Kondagaon) होते हुए कांकेर(Kanker) तक लगभग 100 किमी नई रेल लाइन का निर्माण रेल मंत्रालय करवाये जिससे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर तक 16 घंटे के स्थान पर 4 घंटे में बस्तर की जनता सीधे रेल मार्ग में पहुंच सके। इस मामले को नियम 377 में उठाते हुए पटल में रखे। जिसका केंद्र सरकार के द्वारा लिखित में उत्तर बस्तर हित मे देगें।