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रायपुर।पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी ने पुलिस अभिरक्षा में होने वाली मृत्यु की घटनाओं की रोकथाम हेतु राज्य के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किया है। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार किसी भी आरोपी को अनावश्यक रात्रि में पुलिस अभिरक्षा में नहीं रखा जाए, दिन में ही संबंधित आरोपी की गिरफ्तारी कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। गिरफ्तार व्यक्ति का नियमानुसार स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उसके शारीरिक और मानसिक स्थिति की जांच करा ली जाए, राज्य के सभी पुलिस थानों के हवालात और शौचालय पूरी तरह सुरक्षित हो और गिरफ्तार व्यक्ति के लिए नियमानुसार निर्धारित समय पर भोजन इत्यादि अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए और इसकी प्रविष्टि थाने के डेली-डायरी में किया जाए।यदि विशेष परिस्थिति में किसी व्यक्ति को रात में लॉकअप में रखा जाता है, तो उसकी सुरक्षा के लिए नामजद अधिकारी-कर्मचारियों को कर्त्तव्यस्थ किया जाए। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
महिलाओं और बच्चों के गिरफ्तारी के संबंध में मानव अधिकार आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाए और समय-समय पर पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देशों का भी पालन किया जाए। पुलिस थानों में गिरफ्तार व्यक्तियों के सुरक्षा का दायित्व स्पष्ट रूप से निर्धारित किया जाए, यह दायित्व संबंधित थाना प्रभारी/ ड्यूटी ऑफिसर, प्रधान आरक्षक, मोहर्रिर एवं सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मचारियों का होगा।
पुलिस महानिदेशक ने पुलिस अधीक्षकों को प्रतिदिन अपने जिलों के थानों का नियमित रूप से आकस्मिक निरीक्षण करने एवं थाने के अधिकारियों-कर्मचारियों को गिरफ्तार व्यक्ति के सुरक्षा के संबंध में आवश्यक निर्देश और समझाइश देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को थानों के हवालात और शौचालयों इत्यादि की सुरक्षा जांच करने करने के भी निर्देश दिए हैं।
श्री अवस्थी ने किसी भी थाना या पुलिस चौकी में पुलिस अभिरक्षा में प्रताड़ना या मृत्यु की घटना नहीं होना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, इसके लिए संबंधित थाना प्रभारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा और सतत् पर्यवेक्षण के लिए संबंधित राजपत्रित अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे।