दूसरे सोमवार को जलाभिषेक के लिए भगतों की बड़ी तादात,लोगों ने सेवाभाव से किया स्वागत

Shri Mi
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रामानुजगंज (पृथ्वीलाल केशरी ) सावन के महीने में हर ओर भगवान शिव की भक्ति की बयार बह रही है। तमाम भक्त भोलेनाथ की भक्ति में जुटे हैं। सड़कों पर भी कांवड़िये का रेला बढ़ता जा रहा है जो सावन खत्म होने तक ऐसे ही नजर आयेगा। इस पूरे महीने में सबसे ज्यादा भक्तों की भीड़ शिवालयों में शिवरात्रि के दिन नजर आती है। इस साल शिवरात्रि 30 जुलाई को पड़ रहा है। खास बात ये है कि इससे ठीक एक दिन पहले 29 तारीख को सोमवार व्रत भी है। खास बात ये है कि 29 जुलाई को ही सावन का प्रदोष व्रत भी है। ऐसे में सावन महीने का ये स  सप्ताह विशेष तौर पर भगतों के लिए फलदायी रहा।
          प्रदोष व्रत का महत्व
यह प्रदोष व्रत चूकी सोमवार को पड़ रहा है इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। मान्यता है कि बेचैन और चंचल चित रखने वाले लोगों के लिए यह व्रत काफी फलदायी है। इस व्रत को करने से जीवन में हमेशा सफलता के मौके बढ़ जाते हैं और साधक के बिना किसी बाधा के सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इस बाद प्रदोष के साथ-साथ सावन मास का दूसरा सोमवार व्रत भी है। इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है। बता दें कि प्रदोष काल उस समय कहते हैं जब सूर्यास्त हो गया हो और अंधेरा भी नहीं हुआ हो। प्रदोष व्रत में इस अवधि में भगवान शिव की पूजा की जाती है।
उपाध्यक्ष ने कांवरियों को कराया जलपान
नगर पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती उषा गुप्ता ने अपने सह परिवार एवं सहयोगियों के साथ कनहर नदी से जल उठा कर  तातापानी  जाने वाले गेरुआ वस्त्र में लिपटी शिव भक्तों  को फलाहार सहित जलपान कराया गया।
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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