आप नेताओं का हंगामा…कहा डीईओ हीराधर के खिलाफ करें कार्रवाई…सिम्स भर्ती घोटालेबाजों को भेजा जाए जेल…

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आज रैली की शक्ल में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को हटाए जाने की मांग की है। आप नेताओं ने बताया कि प्रदेश की स्वास्थ्य और शिक्षा की सेहत ठीक नहीं है। तत्काल प्रभावी कदम उठाते हुए सर्जरी की जरूरत है। आप नेताओं ने रतनपुर स्कूल में छत का प्लास्टर गिरने पर चिंता जाहिर करते हुए घायल दोनों छात्राओं के लिए मुआवाज की मांग की है। सरदार जसबीर सिंह,प्रियंका शुक्ला,अरविन्द पाण्डेय समेत मौजूद सभी आप नेताओं ने कहा कि सिम्स भर्ती घोटाला के बाद एसआईटी जांच की जल्द से जल्द खुलासा किया जाए। ऐसा नहीं किए जाने पर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि घोटाले में जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है।

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                        आप नेताओं ने आज जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की। जिला प्रशासन पर सिम्स में कर्मचारी भर्ती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाया है। आप नेता जसबीर और प्रियंका की अगुवाई में पहले तो कलेक्टर के मुख्य दरवाजे के सामने जमकर हंगामा किया। सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे लेकिन अपनी शिकायत को कलेक्टर के सामने रखने की मांग की। अन्त में सिटी मजिस्ट्रेट अवधराम टण्डन को कहना पड़ा कि अपनी शिकायतों को कलेक्टर के सामने पेश कर सकते हैं। इसके आप नेता कलेक्टर के सामने उपस्थित होकर सिम्स में भर्ती घोटाला और रतनपुर स्थित स्कूल  में छत गिरने के मामले को गंभीरता से रखा। आप नेताओं ने कहा कि मामले में उचित और सख्त उठाए जाने की जरूरत है। कलेक्टर ने बताया कि जल्द ही मामले को संज्ञान में लिया जाएगा। बल्कि दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाया जाएगा।

शिक्षा सेहत से खिलवाड़…डीईओ पर लापरवाही का आरोप…मुआवजा की मांग

आप नेताओं ने कलेक्टर से मिलने के बाद बताया कि पत्रकारों से बताया कि जिले में शिक्षा और स्वास्थ्य की सेहत के साथ भयंकर खिलवाड़ किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय करहियापारा में छत का प्लास्टर गिरने से बच्चों की जान बाल बाल बच गयी। लेकिन आठ बच्चे घायल हो गयी। गंभी रूप से घायल दो बच्चों को सिम्स में भर्ती किया गया। दोनों के सिर पर एक दर्जन से अधिक टांके लगे। इसके बाद उन्हें अपने हालत में छोड़ दिया गया। घोषणा के बाद स्कूल मरम्मत की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

जसबीर और प्रियंका ने बताया कि घायल सभी बच्चे गरीब परिवार से आते हैं। परिवार के सामने हमेशा रोजी रोटी की संकट रहती है। लेकिन शासन की तरफ से अभी तक किसी भी घायल बच्चों के परिवार को आर्थिक सहायता नहीं मिली है। खासकर गंभीर रूप से घायल दोनों बच्चों को शासन की मदद की जरूरत है। बावजूद इसके ध्यान नहीं दिया गया। ना ही स्कूल मरम्मत को गंभीरता से लिया गया।

दोनों नेताओं ने बताया कि मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी आर.एन.हीराधर से आप प्रतिनिधियों ने चर्चा की तो उन्होने बेरूखी के साथ जवाब दिया कि हम क्या कर सकते हैं। स्कूल यदि गिरता है तो इसमें हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। बच्चों को मुआवजा देना हमारा काम नहीं है। आप लोगों को इस मामले में कुछ बताना भी उचित नहीं समझता हूं।

नाराज आप नेताओं ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी के लापरवाह पूर्ण बयान से जाहिर होता है कि गरीब बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। रतनपुर समेत जिले के सभी जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत की जाए। जरूरत के अनुसार नई बिल्डिंग की व्यवस्था की जाए। खासकर करैहापारा स्कूल को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाए। ऐसा नहीं करने पर आप नेताओं ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

सिम्स भर्ती घोटाला को करें उजागर

आप नेताओं ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य विभाग की सेहत  दशकों से ठीक नहीं है। कभी गर्भाशय काण्ड तो कभी आंखफोडवा और नसबन्दी काण्ड हो जाता है। लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। आखिर कोई तो इसके लिए इन तमाम काण्डों के लिए जिम्मेदार होगा। जसबीर प्रियंका ने बताया कि स्थानीय लोगों को दरकिनार कर सिम्स में करीब सात साल पहले 442 स्टाफ की भर्ती हुई। भर्ती में जमकर भ्रष्टाचार का खेल चला। बाहरी लोगों को बिना अहर्ता के भर्ती किया गया । तकनीकि पदों पर गैर तकनीक को प्राथमिकता दी गयी। डॉक्टरों ने  नियम कानून को ताक पर रख अपनी पत्नी नौकरो को नौकरी दे दिया।

शिकायत के बाद कलेक्टर जांच से लेकर लोकायुक्त और एसआईटी जांच हुई। जांच की फाइले धूल खा रही है। आज तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। जिला प्रशासन को अच्छी तरह से मालूम हो कि भर्ती में जमकर घोटाला हुआ है। लेकिन कार्रवाई करने से बच रहा है। आप नेताओं ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर अपनी बातों को रखा है कि जांच रिपोर्ट का खुलासा किया जाए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। रोजगार में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए।

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