नईदिल्ली।संसद के उच्च सदन राज्यसभा में सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास हो गया। पर्ची से वोटिंग के दौरान इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 61 वोट डले। राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.हालांकि, इसके विरोध में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य सदन से वॉक आउट कर गए।इससे पहले, सदन में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019 पारित हुआ था। जम्मू-कश्मीर में इस बिल के जरिए आर्थिक तौर पर कमजोर (ईडब्ल्यूएस) तबके को सरकारी शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp Group से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
कुछ देर पहले गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 पर सोमवार को राज्यसभा में कहा कि इस अनुच्छेद के कारण घाटीवासियों का काफी नुकसान हुआ है, पर आज जम्मू-कश्मीर में रक्तपात के युग का अंत हो गया है। दरअसल, शाह सदन में उस दौरान कुछ सदस्यों की शंकाओं पर जवाब दे रहे थे। पीएम नरेंद्र मोदी भी उस समय सदन में उपस्थित थे।
शाह ने आगे कहा- अनुच्छेद 370 से लोकतंत्र को नुकसान हुआ। साथ ही जम्मू-कश्मीर को भी बड़ी हानि हुई। वह इससे न तो प्रफ्फुलित हुआ और न ही वहां का उससे विकास हुआ। पर अब हम यह कह सकते हैं कि वहां अब नए युग की शुरुआत हुई है।
#BREAKINGNEWS#RajyaSabha passes J&K Reservation (2nd Amendment) Bill, 2019 pic.twitter.com/xpHvtmQ71k
— Doordarshan News (@DDNewsLive) August 5, 2019
शाह ने अपने भाषण के दौरान कहा- जवाहर लाल नेहरू (तत्कालीन पीएम) ने भी कहा था कि ‘370 घिसते-घिसते घिस जाएगी’, पर इसे इतने जतन से संभालकर रखा। 70 साल हो गए, यह घिसी नहीं। हर कोई इसे अस्थाई प्रावधान के तौर पर स्वीकारता है, पर क्या अस्थाई प्रावधान 70 साल तक जारी रखा जा सकता है? ये कब और कैसे जाएगा?
गृह मंत्री अमित शाह ने साफ किया है कि जम्मू-कश्मीर के बारे में विशेष प्रावधान करने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी घोषित करने के लिए संविधान में संशोधन की कानूनी बाध्यता नहीं है। सोमवार को उन्होंने जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी घोषित करने से जुड़े संकल्प को संसद के उच्च सदन राज्यसभा में पेश किया। शाह ने इस दौरान बताया कि इस प्रावधान को राष्ट्रपति की महज एक अधिसूचना से संशोधित किया जा सकता है।
सपा के रामगोपाल यादव ने सदन में व्यवस्था का प्रश्न उठाया और पूछा कि संविधान के किसी प्रावधान में किसी तरह का संशोधन करने के लिए संविधान संशोधन करना अनिवार्य है। उन्होंने गृह मंत्री से पूछा कि ऐसे में सरकार ने संविधान संशोधन विधेयक के बिना अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प कैसे प्रस्तुत किया? गृह मंत्री ने इसके जवाब में सदन को बताया कि अनुच्छेद 370 के खंड तीन में राष्ट्रपति को एक अधिसूचना के द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म करने का अधिकार देने का प्रावधान है।