रायपुर।छत्तीसगढ़ में शिक्षा की दुर्गति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राज्य की भाजपा सरकार ने कभी भी शिक्षकों की भर्ती के लिये नौकरी की रिक्त पदों की वेकेन्सी नहीं निकाली। 12 वर्शो में सरकार के द्वारा राज्य में रिक्त पड़े शिक्षकों की भर्ती को कभी भी गंभीरता से नहीं लिया। शिक्षक खोजने के सरकारी दावों को खारिज करते हुये कांग्रेस ने दावा किया है कि सरकार पहले भी शिक्षा के ठेकेदार खोजती रही है। 12 वर्शो से सरकारी स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध कराने के लिये कोई प्रयास न करने वाली भाजपा सरकार द्वारा शिक्षक उपलब्ध कराने वाली निजी संस्था की शर्मनाक तलश पहले भी 2013 में की जा चुकी है।
अपने दावें के समर्थन में कांग्रेस ने आज 2013 में जारी किया गया सरकार का विज्ञापन मीडिया को दिखाया। शिक्षा के क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा लागू करने का कुत्सित प्रयास। सवा दो साल पहले भी किया गया था। सवा दो साल पहले जब ठेकेदारी प्रथा लागू करने की जरूरत समझी गयी थी तो इस समय में सुधार के कदम क्यों नहीं उठायें गये? वर्ष 2013 में सरकार ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के द्वारा रिक्त पदों की भर्ती सक्षम निजी संस्थाओं के द्वारा किये जाने की बात एवं 175 प्रति कालखण्ड के मान से 125 कालखण्ड के मान से देय होने की निविदा 17.05.2013 को टेंडर फार्म लिये जाने एवं आवेदन फार्म जमा करने की तारिख 20.05.2013 रखी गयी थी। अब डीपीआई द्वारा इस निविदा को निकाला गया है। यह साबित होता है कि राज्य सरकार के द्वारा 12 वर्षों में किसी भी प्रकार से शिक्षकों की भर्ती करने का प्रयास नहीं किया गया और आउट सोर्सिंग के माध्यम से भाजपा सरकार ने शिक्षा का ठेकाकरण का फिर से प्रयास किया है। जब राज्य बना था, पहले तीन वर्षों में सालाना बजट महज एक हजार से तीन हजार तक करोड़ हुआ करता था। आज छत्तीसगढ़ राज्य का वार्षिक बजट 60 हजार करोड़ रूपये का है। फिर क्यों भाजपा की सरकार राज्य में 42646 शिक्षकों की भर्ती करने के बजाय शिक्षा का ठेकाकरण कर राज्य के शिक्षित युवा बेरोजगारों के साथ अन्याय करने में तुली है। कांग्रेस ने मांग की है कि भाजपा सरकार प्रदेश में शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के आदेश जारी करें और राज्य के युवा बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराया जायें। 12 वर्षों से शिक्षकों के पद भरे नहीं जा सकें।