वैज्ञानिक नजरिए से भी पढ़ा जाए मानस…जयंति कार्यक्रम में बोले पूर्व विधायक…आंख बन्द कर राष्ट्रभक्ति ठीक नहीं…

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— गोस्वामी तुलसीदास नाम के मोहताज नहीं है। उनके बारे में कुछ भी कहने का अर्थ सूरज को दिया दिखाने जैसा है। गोस्वामी तुलसीदास की वाणी शाश्वत और अमर है। उन्होने अपने लेखन से इस दुनिया को जीवन का जीवन्त दर्शन पेश किया है। इस बात को आज की वैज्ञानिक दुनिया भी दुनिया शिद्दत के साथ स्वीकार करती है। यह बातें गोस्वामी तुलसीदास की जयंति पर पूर्व विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चन्द्रप्रकाश वाजपेयी ने एक कार्यक्रम के दौरान कही।
                     गोस्वामी तुलसीदास की जयंति पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मौजूद भाषाविद् से लेकर आध्यात्मिक जगत से सरोकार रखने वालों ने तुलसीदास के जीवन पर प्रकाश डाला। राघवेन्द्र सभा भवन में आयोजित जयंति कार्यक्रम को सीपत के पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता चन्द्रप्रकाश वाजपेयी ने भी संबोधित किया।
                     चन्द्रप्रकाश वाजपेयी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने अपनी रचनाधर्मिता में मानव दर्शन को जीवन्त स्वरूप में पेश किया है। आज के पहले और आज के बाद ऐसा साहित्यकार,मनीषी शायद ही खोजने से मिले। वाजपेयी ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास की वाणी पहले से कही ज्यादा शाश्वत है। श्रीराम चरितमानस जीवन जीने की कला का साक्षात दिग्दर्शन है । जनमानस के मल को धो डालने वाली कथा है। आज की दुनिया जिस मोड़ पर खड़ी हैं..वहां केवल मर्यादायें टूट रही हैं। ऐसे में हमें अपने भीतर झाँकने की जरूरत है। इसके लिए मार्गदर्शन बहुत जरूरी है। तब हमें केवल एक रास्ता रामचरित मानस का दिखाई देता है।
            वाजपेयी ने बताया कि रामचरित मानस में आदर्श मानव जीवन का तत्व छिपा है। रामचरित मानस को जिसने जिस नजरिये पढ़ा उसे वैसा ही जीवन दिखाई दिया है। जब जब तुलसीदास के ग्रन्थ को पढ़ते हैं..कुछ नया हासिल होता है। अपने संबोधन में चन्द्रप्रकाश ने बताया कि राष्ट्रभक्ति आँख बन्द कर नहीं की जा सकती है । तुलसीदास जी की यह कृति समस्त सदग्रंथो का निचोड़ है। इसीलिये गोस्वामी तुलसीदास की वाणी शाश्वत है।
                     कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए  समाज सेवक राकेश शर्मा ने कहा आज समाज में अराजकता ,हिंसा,बलात्कार का बोलबाला है। लोग डरे और सहमें हुए हैं। इसकी मूल वजह समाज के समक्ष कोई आदर्श चरित्र का नही होना है। हम अपने मूल्यों से अलग हो रहे हैं। ऐसे में हर मानव को एक बार आध्यात्मिक होकर नहीं बल्कि वैज्ञानिक नजरिए से रामचरित मानस को पढ़ना चाहिए। सारे सवालों और समस्याओं का निदान मिल जाएगा।
             राकेश शर्मा ने आयोजन के लिए अखिलेश बाजपेयी और मनोज शुक्ला की जमकर तारीफ़ की। तुलसी पौधे का वितरण कर महत्व पर प्रकाश भी डाला। राकेश ने बताया कि गोवा में हर समाज के घरों में तुलसी का पौधा लगा मिलेगा। कार्यक्रम को जयश्री शुक्ला,रंजना शुक्ला,डॉक्टर उषा किरण बाजपेयी,रेखेंद्र तिवारी,प्रभात मिश्रा और पंडित गंगा प्रसाद बाजपेयी ने भी संबोधित किया।
                    कार्यक्रम का शुभारम्भ गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा पर पुष्पमाला,पूजन,रोचना,दीपप्रज्वलित कर किया गया । उपस्थित सभी मानस प्रेमियों ने एक साथ सस्वर सुन्दर काण्ड,श्रीहनुमान चालीसा और आरती का पाठ किया ।कार्यक्रम का संचालन आयोजक तुलसी मित्र संस्था के संयोजक अखिलेश चन्द्र प्रदीप बाजपेयी पार्षद और आभार मनोज शुक्ला गोड़पारा ने किया
                   कार्यक्रम में यू एस पाण्डेय,प्रभात मिश्रा,दिव्य प्रकाश दुबे,चन्द्र प्रभा बाजपेयी, शेख़ अल्फ़ाज़,दिनेश निर्मलकर,बद्री यादव,सच्चितानन्द तिवारी, हेमलता तिवारी,डॉक्टर रश्मि बाजपेयी, मनोज तिवारी, शैलेंद्र शुक्ला, मनोज सिंह ठाकुर, रविंद्र सिंह बबुआ ठाकुर,मिर्ज़ा रज़्ज़ाक़,किरण शुक्ला,बीनू तिवारी,सरिता मिश्रा,गोपाल शुक्ला,नम्रता शुक्ला,प्रांचल चौबे,मनहरन पुरी,अयोध्या प्रसाद.राम शरण यादव,बाबी भंडारी सहित काफ़ी संख्यिया में मानस भक्त उपस्थित रहे ।
संयोजक :-अखिलेश चन्द्र प्रदीप बाजपेयी पार्षद तुलसी मित्र,
मो 9826241042
मनोज शुक्ला LIC गोड़पारा बिलासपुर 9584689715
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