पानी-पानी हुआ शहर…जनता में मेयर और कमिश्नर के खिलाफ आक्रोश…कहा शहर को किया बरबाद

BHASKAR MISHRA
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  बिलासपुर—सात अाठ घण्टे की मुसलाधार बारिश से बिलासपुर शहर पानी पानी हो गया है। चारो तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। मुसलाधार बारिश से निचली बस्तियां जलमग्न हो गयी है। घरों में पानी घुस गया है। लोग की जिन्दगी पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गयी है। आम नागरिकों में निगम व्यवस्था को लेकर जमकर आक्रोश है। शहर का कोई ऐसा स्थान नहीं हैं। जहां जलभराव को लेकर परेशान नहीं हैं। मेयर ने बताया कि हमने काम किया है अन्यथा शहर की स्थिति ठीक ठाक नहीं होती। निश्चित रूप से लोग परेशानी में है। अमला राहत कार्य में जुटा है। लोगों को सामुदायिक भवनों में ठहराया जा रहा है। मैदानी स्तर पर लगातार पानी निकासी का काम किया जा रहा है।

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                               पिछले सात आठ घण्टों की मुसलाधार बारिश के बाद बिलासपुर शहर पानी पानी हो गया है। शहर की खासकर निचली बस्तियों में आम जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। घरों में पानी घुसने से लोग हलाकान हैं। रात से ही लोग घर का सामान बचाने जुटे हुए हैं। पानी की निकासी नहीं होने से लोगों की परेशानी कुछ ज्यादा ही है। जिसे लेकर आम लोगो में निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर आक्रोश है।

              मुसलाधार बारिश से मंगला स्थित धुरीपारा क्षेत्र में सैकड़ों घरों में घुस गया है। लोग देर रात से ही  पानी निकाल रहे हैं। धुरीपारा निवासियों ने बताया कि सारी समस्या के लिए निगम प्रशासन जिम्मेदार। आधे अधूरे निर्माण ने शहर को तहस नहस कर दिया है। घर का सामान पानी में तैर रहा है। छोटे बच्चों की हालत खराब है। खासकर स्कूली बच्चों और सरकारी कर्मचारियों को घर की व्यवस्था से जूझना पड रहा है। घर में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां हम खड़े हो सके। छोटे बच्चों की हालत तो काफी खराब है।

                                         सरकडा स्थित शिवम होम्स और जोरापारा क्षेत्र में तो मुसलाधार बारिश ने सामान्य जन जीवन को जैसे तबाह कर दिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि देर रात बारिश के बाद ऐसा लगा कि जैसे बाढ़ आ गयी है। लेकिन विश्वास था कि कुछ घण्टे बाद बारिश थमने से परेशानी खत्म हो जाएगी । लेकिन ऐसा हुआ नहीं  सुबह तक पानी बेडरूम और रसोई घर के अन्दर पहुंच गया। सारा सामान तैरने लगा। हम लोग बाल बच्चों लेकर घंटों से पलंग पर हैं। खाना बनने का सवाल ही नहीं उठता है। पानी निकलने तक खाना पीना होटल में ही होगा।

                         कुछ ऐसा ही मामला हेमूनगर और चुचुहियापारा क्षेत्र का है। पूरा का पूरा क्षेत्र समुद्र बन गया है। चारो तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि समझ में नहीं आ रहा है कि क्या बचाए और क्या छोड़ें। खासकर छोटे बच्चों को बच्चों के साथ सामान को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है। मरीजों की हालत खराब है।

सिवरेज और निगम की लापरवाही पर गुस्सा

                             पेशे से शिक्षक मंगला निवासी श्री कुमार ने बताया कि पानी को सबका इंतजार था।  शायद निगम प्रशासन को भी। हर साल निगम प्रशासन का दावा रहता है कि बारिश के पहले व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त कर लिया जाता है। इस बार बारिश ने सारी व्यवस्था की कलई खोल दी है। निगम ने न पहले ही किसी प्रकार की व्यवस्था पर ध्यान दिया। न इस बार ही मामले को गंभीरता से लिया है। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। जहांं नाली है भी तो उसे साफ नहीं किया गया है। जिसके कारण गंदा पानी पानी घुस आया है। अब बीमारियां की चिंता सताने लगी है।

                      जोरापारा शिवम होम्स समेत चांटीडीह,बंधवापारा कपिल नगर, हेमुनगर,चुचुहियापारा के लोगों ने बताया कि परेशानी के लिए केवल और केवल सिवरेज और नालायक निगम प्रशासन जिम्मेदाऱ है। समुचित व्यवस्था नहीं होने से हम लोग परेशानी झेलने को मजबूर हैं। टैक्स समेत तमाम चार्जेज के लिए निगम अमला दम कर देता है। लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं किया जाता है। घर में पानी घुसने के साथ ही देर रात लाइट भी चली गयी। लोग मदद के लिए फोन पर फोन करते रहे…लेकिन कोई राहत देने नहीं पहुंचा।

अमला सक्रिय…राहत कार्य में जुटा प्रशासन…मेयर किशोर राय

              मेयर किशोर राय ने बताया कि मुसलाधार बारिश होने से जन जीवन प्रभावित हुआ है। खासकर निचली बस्तियों में पानी घरों में घुस गया है। राहत बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। किशोर ने राय ने बताया कि प्रभावित लोगों को सामुदायिक भवनों में ठहराया जा रहा है। साथ ही पानी निकासी की समुचित व्यवस्था की जा रही है।

              क्या मानसून के पहले पानी निकासी पर ध्यान नहीं दिया के सवाल पर किशोर राय ने बताया कि बिलासपुर की बनावट कुछ कटोरे की तरह है। मानसून के पहले निगम प्रशासन ने पानी निकासी को लेकर भरपूर काम किया है। कुछ निचली बस्तियों में नाली निर्माण को लेकर दिक्कते हैं। लोगों ने निजी जमीन से नाली नहीं निकलने दिया। जिसके कारण मंंगला के धुरीपारा क्षेत्र नी भराव की समस्या आयी है। हम समस्या को लगातार हल करने के प्रयास में है। लोगों से मिलकर एक बार नाली निर्माण में सहयोग की मांग करेंगे। निजी जमीन स्वामी को समुचित भुगतान भी करेंगे।

कमिश्नर ने हमेशा की तरह नहीं उठाया फोन

                     जल भराव से प्रभावित लोगों ने बताया कि निगम कमिश्नर को तो जैसे हमारी कोई चिंता ही नहीं है। हम लोगों ने मानसून के पहले कई बार मिलने का प्रयास किया। लेकिन उनके दर्शन ही नहीं हुए। उन्होने कभी भी फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। खबर लिखे जाने के पहले सीजीवाल ने राहत बचाव कार्य की जानकारी को लेकर जब बातचीत का प्रयास किया तो हमेशा की तरह उन्होने इस बार भी फोन नहीं उठाय़ा

महापौर ही काफी था..कमिश्नर भी बना सिरदर्द

                 जलमग्न क्षेत्र के लोगों ने बताया कि ै। शहर को परेशान करने के लिए मेयर ही काफी था। लेकिन अब कमिश्नर भी इसमें जुड़ गया है। जिसे ना तो शहर की चिंता है..और ना ही लोगों की परेशानियों से उसका कोई नाता ही है। बेहतर है कि कमिश्नर को यहां से चलता किया जाए। बिलासपुर को बरबाद करने एक मेयर काफी है। दूसरे नेता की जरूरत ही नहीं थी।

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