रायपुर।राज्य सरकार ने आज की कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया है कि अनुसूचित क्षेत्र की कई जनजातियों को सरकारी नौकरी में अहर्ता में छूट दी जाएगी।इसमें शिक्षक पद में नियुक्ति देते समय केंद्रीय नियमों के बंधन के चलते अहर्ता से तो छूट नहीं है पहले नौकरी दी जाएगी और उसके बाद उस अहर्ता को प्राप्त करने के लिए समय दिया जाएगा और उस निर्धारित समयावधि के अंतर नौकरी प्राप्त करने वालों को डिग्री हासिल करनी होगी ।.सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
इस निर्णय के पास होने के बाद शिक्षाकर्मी नेता विवेक दुबे ने कहा है कि प्रदेश के 3500 शिक्षाकर्मी परिजन अनुकंपा नियुक्ति के लिए दर-दर भटक रहे हैं , मुख्यमंत्री समेत स्कूल शिक्षा मंत्री और पंचायत मंत्री से कई बार गुहार लगा चुके हैं।उनकी दयनीय हालत प्रदेश में किसी से छिपी नहीं है ऐसे में जब अनुसूचित क्षेत्र के विशेष जनजातियों के लिए ऐसा प्रावधान किया जा सकता है।
तो फिर उन साथियों के परिजनों के लिए भी ऐसा प्रावधान क्यों नहीं किया जा सकता जिन्होंने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाते बनाते अपने प्राणों की आहुति दे दी ।
विवेक ने कहा कि जरूरत है इस बात की कि सरकार अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में भी इसी प्रकार संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्काल उनके लिए इसी प्रकार का प्रावधान करें ताकि जिन लोगों ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सेवा देते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। उनके परिजनों को उनका हक मिल सके तभी प्रदेश के उन दिवंगत शिक्षकों के साथ न्याय हो सकेगा।