बिलासपुर । केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मानव विरोधी तस्करी क्षेत्र में “ऑपरेशन स्माईल” के दौरान रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सराहनीय योगदान के लिए आरपीएफ के महानिदेशक राजीव रंजन वर्मा को उत्कृष्टता प्रमाण पत्र प्रदान किये। यह प्रमाण पत्र आज नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय मानव विरोधी तस्करी सम्मेलन के अवसर प्रदान किया गया।
हाल के वर्षों में देश के पिछड़े और दूरदराज के क्षेत्रों से खासतौर पर महिलाओं और बच्चों की शहरी क्षेत्रों और प्रमुख शहरों में की जाने वाली मानव तस्करी एक प्रमुख समस्या बन गयी है। देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक की यात्रा के लिए सबसे सस्ते साधन के तौर पर उपलब्ध भारतीय रेल का उपयोग अक्सर अपराधियों द्वारा लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर तस्करी हेतू ले जाने के लिए किया जाता है। रेलों और रेलवे परिसरों में इस समस्या के निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने देशभर के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर बाल सुरक्षा समितियों का गठन किया है। बाल सुरक्षा समितियों के सबसे सक्रिय घटक के तौर पर रेलवे सुरक्षा बल ने तस्करी करके लाए गए बच्चों को बचाने में और उन्हें उनके कानूनी अभिभावकों अथवा इस क्षेत्र में कार्य कर रहे मान्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। वर्ष 2013 में 4658, वर्ष 2014 में 4448 और वर्तमान वर्ष में अभी तक तस्करी करके लाए गए 3969 छोटे बच्चों को आरपीएफ कर्मियों द्वारा मुक्त कराया गया है।
इसी संदर्भ में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा वर्ष 2013 में 83, वर्ष 2014 में 157 एवं इस वर्ष अगस्त माह तक 187 नाबालिक बच्चों को बचाकर उनके कानूनी अभिभावकों अथवा इस क्षेत्र में कार्य कर रहे मान्यता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी ।
मानव विरोधी तस्करी के क्षेत्र में आरपीएफ के इस सराहनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।