सूरजपुर।प्रदेश में हुए शिक्षक LB,E,T संवर्ग में प्रशासनिक आधार पर हुए स्थानांतरण का मुद्दा जोर पकड़ लिया है।शिक्षक नेता अब लामबंद होने लगे है।अब शिक्षक नेताओ पर शिक्षको के परिजनों का दबाव भी है। प्रशासनिक आधार पर खो …. हुए शिक्षक शासन की इस कार्यप्रणाली से आहत है। और चुनाव के बाद पहली बार खुल कर मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रख रहे है।सीजीवाल डॉटकॉम के whatsapp group से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
सुरजपुर जिले से सन्युक्त शिक्षा कर्मी संघ के शिक्षक नेता सचिन त्रिपाठी ने सीजीवाल डाट काम को बताया कि स्थानांतरण शासन की एक प्रक्रिया है,जो निश्चित समय मे होती रहती है, यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें कर्मचारीयो के हित संवर्धन का ध्यान रखा जाता है।
प्रदेश के शिक्षाकर्मी को ….एक लंबी लड़ाई के बाद यह लाभ मिला है। प्रदेश में हजारों शिक्षक साथियों ने स्थानांतरण के आवेदन दिए थे । जिसमे कुछ लोगो के ही स्थानांतरण हुए है।
सचिन त्रिपाठी ने बताया कि प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण शैक्षणिक व्यवस्थापन को ध्यान में रख, क्रियान्वित किया जाता है, परंतु दलगत राजनीति और आपसी द्वेष के परिपेक्ष्य में कृत प्रशासनिक स्थानांतरण निश्चित ही एक नई परिपाटी को जन्म दे रहा है जिससे आम शिक्षको के मन मे, विभाग के प्रति विश्वाश कम और भय ज्यादा हो रहा।
कोई भी संघ अपने सदस्यों के बल पर कायम रहता है। आम शिक्षको के स्थानांतरण के विषय मे आंख मूंदकर सिर्फ अपने शिक्षक नेता पदाधिकारियों के स्थानांतरण पर हो हल्ला मचाने वाले संघ प्रमुखो की दोहरी मंशा स्वयमेव परिलक्षित होती है। और ऐसे संघ प्रमुखों को यह कदापि नही भूलना चाहिए कि आम सदस्य के कारण ही शिक्षक नेता हैं और किसी भी संघ संगठन का वजूद है।
छत्तीसगढ़ पंचायत ननि शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री शिक्षक नेता रंजय सिंह ने चर्चा के दौरान बताया कि वर्षों से लंबित खुली स्थानांतरण नीति की माँग जब साकार हुई… जरूरत मंद शिक्षक इसका लाभ नही ले पाये तो ऐसी नीति किस काम की है।स्थानान्तरण चाहने वाले शिक्षकों का शासन स्थानान्तरण नही कर रही है।
हजारों आवेदनों को दर किनार कर दिया गया है।रंजय सिंह ने बताया कि जिला स्तर की स्थानांतरण सूची में ये हाल है तो राज्य स्तर की सूची में क्या होगा यह चिंता का विषय बन गया है। शासन संगठन शक्ति को कम करने के लिए दुर्भावनापूर्ण शिक्षक नेताओ का भी स्थानांतरण कर दे रही हैं। इससे शिक्षक संगठन कमजोर होगा ।
संघ स्तर पर हम सब इसकी घोर निंदा करते है एवं ऐसे स्थानांतरण को निरस्त करने की मांग करते है। प्रशासनिक आधार पर किये गए सभी शिक्षको के स्थानांतरण पर सरकार एक बार फिर विचार करे शासन का यह कदम शिक्षक परिवार में नकारात्मक असर डाल रहा है।
छत्तीसगढ़ पंचायत ननि शिक्षक संघ के सरगुजा जिले मीडिया प्रभारी कमलेश सिंह बताते है प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण समझ से परे है। उससे अच्छा होता कि शासन ने पति पत्नी बेस पर स्थानांतरण को तवज्जो दिया होता।
कई परिवारो में पति पत्नी एक ही जिले में अलग अलग ब्लॉक में कार्य कर रहे है। वर्तमान हलाल देख कर नही लगता है कि पति पत्नी बेस राज्य स्तर की स्थानांतरण सूची में लाभ मिलेगा। प्रशासनिक आधार पर हुए स्थानांतरण से व्यवस्था में कसावट नही आएगी बल्कि शासन और शिक्षक के मध्य यह निर्णय दूरी बढ़ाने वाला साबित होने वाला है।