फर्जी हस्ताक्षंर से महिला ने लिया लोन…किश्त भुगतान के लिए बैंक ने जब डाला दबाव…तो समूह के उड़ गए होश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– कलेक्टर प्रशासन से महिला समूह ने फर्जीवाडा की शिकायत की है। महिलाओं ने बताया कि समूह की एक महिला ने माइक्रोफायनेन्स कम्पनी से फर्जी हस्ताक्षर कर रूपया लेकर फरार हो गयी है। समूह की फरार महिला ने ऐसा कई बैंकों में किया है। बैंक अधिकारी अब किश्त जमा करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। बार बार चेतावनी दे रहे है कि रूपया जमा नहीं होने पर पुलिस कार्रवाई करेंगे। जबकि हम लोगों स्थिति ऐसी नहीं है कि सारे रूपयों का भुगतान कर सकें। मामले की शिकायत सिटी कोतवाली में है। बावजूद इसके फरार महिला को अभी तक नहीं पकड़ा जा सका है।

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                         महिलाओं ने कलेक्टर प्रशासन को बताया कि समूह बनाकर हम लोगों ने माइक्रो फायनेन्स कम्पनी में लोन के लिए आवेदन किया। बिना किसी जानकारी के समूह की महिला सदस्य निशा केवट…दीपक देवांगन के साथ मिलकर लोन उठाई। हम लोगों को इस बात की जानकारी तब हुई जब बैंक अधिकारी लोन की किश्त लेने घर पहुंच गया।

            शिकायत कर्ता में से एक ममला निर्मलकर ने बताया कि निशा केवट ने उसके पति का फर्जी दस्तखत कर लोन लिया है। उसने समूह की अन्य महिलाओं के पति का भी हस्ताक्षर कर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया है। बैंक के अधिकारी लगातार किश्त के लिए दबाव बना रहे हैं। इधर फर्जीवाड़ा कर निशा केवट फरार हो चुकी है। शिकायत के बाद भी निशा और दीपक को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

                 ममता निर्मलकर ने बताया कि निशा ने अकेले उसके नाम पर ग्राम शक्ति बैंक मोपका नाका से तीस हजार रूपए लिए हैं। इसके अलावा कैपिटल ट्रस्ट व्यापार विहार से तीस हजार और बंंधन बैंक से 24 हजार रूपए का लोन फर्जीवाड़ा कर उठाया है। फर्जीवाड़ा में निशा के साथ लोफंदी निवासी दीपक भी शामिल है। बहरहाल दोनों फरार हैं।

                ममता समेत अन्य महिलाओं ने बताया कि निशा अपने बच्चों को पेन्डरवा में बानो बेगम के घर में छोड़कर फरार है। सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज होने के बाद भी दीपक और निशा के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। इधर बैंक अधिकारी किश्त के लिए लगातार दबाव बना रहे है। धमकी दे रहे हैं कि यदि रूपयों का भुगतान नहीं होने पर पुलिस कार्रवाई करेंगे। आधार कार्ड को ब्लाक करने की भी धमकी दे रहे हैं। चूंंकि हम लोग गरीब परिवार से हैं। बैंक के सारे रूपयों का भुगतान कर पाना नामुमकिन है। निवेदन है कि निशा और दीपक को गिरफ्तार कर बैंक राशि का भुगतान कराया जाए।

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