दस साल बाद गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज…जमीन बंटवारा के समय आयी पिता की याद….फिर पत्नी और बच्चों ने की फरियाद

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कछार निवासी गोविन्दराम केवट दस साल पहले गायब हो गया। गायब होने के समय गोविन्दराम की उम्र करीब 50 साल के आस पास थी। पूरे दस बाद गोविन्द की पत्नी और बच्चों ने कोनी थाना पहुंचकर गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज कराया है। मतलब दस साल पहले गायब गोविन्दराम केंवट की उम्र इस समय 60 साल से अधिक होगी। चूंकि घर की जमीन गोविन्द राम के नाम पर है। इसलिए बंटवारा को लेकर बच्चों को अब गोविन्दराम की याद सताने लगी है।

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                  कोनी थाना में कछार निवासी कुमारी केवट ने दस साल बाद अपने पति की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट दर्ज कराते समुय कुमारी के बच्चे भी मौजूद थे। इस दौरान व्यस्क बच्चे मां के हां में हां मिलाते नजर आए। पुलिस जानकारी के अनुसार कछार निवासी कुमारी केवट ने अपनी शिकायत में बताया है कि दस साल पहले पचास वर्षीय पति गोविन्दराम केंवट यकायक घर से गायब हो गया। आज तक घर नहीं लौटा है।

गुम गोविन्दराम की पत्नी कुमारी केवट और उसके बच्चों ने बताया कि पता लगाने का भरसक प्रयास किया गया। लेकिन आज तक उनकी जानकारी नहीं मिली है। इसलिए गोविन्दराम की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने आए है।

पुलिस सूत्रों की माने तो गोविन्दराम के बच्चों के बीच जमीन का बटवारा और नामांतरण का होना है। बिना जमीन मालिक यानि गोविन्दराम की जमीन को बांटा नहीं जा सकता है। यदि बांटा गया तो बिना गोविन्दराम की अनुमति के जमीनों का नामांतरण नामुमकिन है। इसके लिए या तो गोविन्दराम का जिन्दा होना जरूरी है। अथवा परिवार वालों को सत्यापित करना होगा कि गोविन्दराम की मौत हो चुकी है। जबकि दोनों सूरत हाल फिलहाल संभव नहीं है। गोविन्दराम दस साल से गायब है। कहां और किस हालत में इस बात की जानकारी किसी को नहीं है।

पुलिस के अनुसार जिस दिन रिपोर्ट दर्ज होने के सात साल तक गोविन्दराम को जिन्दा माना जाएगा। मामले पुलिस पता लगाएगी। गोविन्दराम की तलाश होगी। सात साल बाद ही पुलिस की तरफ से परिवार वालों को वस्तुस्थिति के बारे में बताया जाजगा। फिलहाल गोविन्दराम की जमीन का नामांतरण या बंटवारा मुश्किल है।

बहरहाल जमीन के बहाने ही सही पत्नी और गोविन्दराम के बच्चों को पिता की याद आयी। लेकिन उन्हें अभी सात साल तक इंर इंतजार करना होगा। जाहिर सी बात है कि थोड़ी सी चूक से  गोविन्दराम के बच्चों के  मंसूबों पर पानी फिर गया है।

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