स्वास्थ्य मंत्री ने कहा…सिम्स को मेजर सर्जरी की जरूरत…नहीं किया इंकार…दुर्गती के लिए मुखिया जिम्मेदार…खत्म करेंगे जड़ता

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— पत्रकार वार्ता में पत्रकार सवालों का गोला दागते रहे तो स्वास्थ्य मंत्री भी बार बार कहते नजर आए कि अब समय आ गया है कि मेजर सर्जरी कर सिम्स की जड़ता को दूर किया जाए। सिम्स की अव्यवस्था के लिए केवल और केवल व्यवस्था जिम्मेदार है । लेकिन इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। हमने पहले एक सर्जरी जसिम्स की व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास किया। लेकिन अब लगता है कि मेजर सर्जरी की बारी आ गयी है। यह बातें स्वास्थ्य मंत्री टीएस  सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक के बीच पत्रकारों से बातचीत में कही। सिंहदेव ने बताया कि 72 प्रतिशत आरक्षण पर हमने ही सीएम को सुझाव दिया। लेकिन बताना चाहता हूं…ऐसी व्यवस्था देश के अन्य राज्यों में भी है। सामान्य या अन्य किसी वर्ग को परेशान होने की जरूरत नहीं है।

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                 सिम्स स्थित सभागार में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा की। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री सभी  सवालों को खुलकर जवाब दिया। उन्होने स्वीकार किया कि स्वास्थ्य व्यवस्था में अभी अपेक्षित सुधार का इंतजार है। जरूरत पड़ने में कड़े कदम उठाए जाएंगे। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।

   आखिर सिम्स की व्यवस्था पटरी पर कब लौटेगी। यहां की गुटीय राजनीति ने मरीजों की जान को जोखिम में डाल दिया है। कभी दवाई नहीं होने..तो कभी डाक्टरों की कमी का रोना सामने आता है। विभाग हैं..लेकिन कर्मचारी नहीं है। रेडक्रास में दवा नहीं है…सिम्स रिफरल सेन्टर बन गया है। डॉक्टर से लेकर आम कर्मचारी अपना काम कम राजनीति ज्यादा करता है।

                        सवाल के जवाब में टीएस सिंहदेव ने कहा कि सारी जानकारी है। सिम्स की शिकायत भी बहुत है। व्यवस्था के लिए मुखिया जिम्मेदार है। जरूरत ही नहीं बल्कि महसूस कर रहा हूं कि समय आ गया है कि सिम्स में अब बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की जरूरत है। क्योंकि इसके बिना अब सिम्स को पटरी पर नहीं लगाया जा सकता है। सिंहदेव ने यह भी बताया कि पहली सर्जरी के बाद सिम्स में सुधार तो हुआ है…लेकिन कुछ लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि डीन से व्यवस्था संभल नहीं रही है।

                     सिम्स रिसर्च सेन्टर है. लेकिन डेड बाड़ी की हमेशा कमी रहती है। समस्या को किस तरह दूर करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि डेड बाड़ी ने बनाया नहीं जासकता है। हमारी सामाजिक व्यवस्था कुछ अलग है। जिन्हे देहदान करना होता है वे करते हैं। किसी पर दबाव नहीं डाला जा सकता है। अंगदान करने वाले लोग हैं…अंगदान को लेकर लोग जागरूक भी  हो रहे हैं। हमारा प्रयास है कि कुछ इस तरह से कानूनी व्यवस्था हो कि अंगदान करने लोग सहजता से पहुंचे। सिंहदेव ने बताया कि लावारिश लाश पुलिस को मिलती है…उसे देहदान के रूप में लिया जा सकता है। लेकिन पुलिस की अपनी व्यवस्था होती है। व्यवस्था का पालन करना जरूरी है। फिर भी बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा।

                                          इस दौरान सिंहदेव ने जिला अस्पताल की व्यवस्था से लेकर स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति के बारे में जवाब दिया। साल दर साल और जांच दर जांच की प्रक्रिया हो रही है…लेकिन सिम्स भर्ती घोटालेवाजों और गलत लोगों के खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हो रही है। सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि निश्चित रूप से बड़ा और गंभीर मामला है। जांच हो रही है इसकी जानकारी है…इस बात की भी जानकारी मिली है कि कुुछ लोगों को नोटिस आया है। लेकिन मैं इस बार रायपुर पहुंचते ही प्रकरण की फाइल को देखुंगा। क्या जरूरी कदम उठाया जाए इस पर भी विचार करूंगा। किसी भी जिम्मेदार और इंसान को बख्शा नहीं जाएगा।

                      बोतल से आरक्षण के जिन्न को बाहर लाने का कोई खास उद्देश्य है…या फिर आरक्षण की राजनीति शुरू हो गयी है। टीएस ने कहा कि आबादी के अनुसार आरक्षण की बात हुई है। यद्पि कोर्ट का निर्देश है कि पचास प्रतिशत से अधिक आबादी को आरक्षण की व्यवस्था नही होगी। लेकिन दक्षिण के कई राज्यों में पचास प्रतिशत से अधिक आरक्षण दिए जाने का उदाहरण है। सिंहदेव ने यह भी बताया कि आबादी के अनुसार आरक्षण का विचार उन्होने ही दिया है। मुख्यमंत्री ने चर्चा के बाद ही एलान किया है।

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