कैदी ने भी दी पी.एच.डी प्रवेश परीक्षा

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बिलासपुर। डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा की आयोजित की गई। इस परीक्षा में देश के सभी राज्यों व प्रदेश के कोने कोने से आए कुल 910 परीक्षार्थी शमिल हुए। इस दौरान इंजीनियरिंग,प्रबंधन,विज्ञान,कला,वाणिज्य सहित कुल 26 संकाए के परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। इस अवसर पर बिलासपुर सेट्रेल जेल का  कैदी भी परीक्षा देने वि.वि पहुंचा।

इस संबंध में जानकारी देने हुए वि.वि के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि वि.वि प्रतिवर्ष पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। इस महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए 6 माह पहले से तैयारी की गई थी। जिसमें आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि अगस्त के अंतिम सप्ताह तक तय की गई थी,इसके बाद परीक्षार्थियों की मांग को देखते हुए इसे 15 दिन के लिए बढ़ाया गया था। परीक्षार्थियों की सुविधा के अनुसार आॅनलाइन आवेदन पत्र भरे और स्वीकार किए गए हैं। इसके लिए प्रदेष और देश के अनेक राज्यों से आए परीक्षार्थियों ने प्रवेश परीक्षा दी है। जिसमें लखनउ से लेकर बिहार और जम्मू कश्मीर तक के परीक्षार्थी शामिल हुए हैं। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भीष्षामिल हुई हैं। श्री पाण्डेय ने बताया कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा यूजीसी के मापदंडों का पूर्ण रूप से पालन करते हुए की गई है। इसके पहले ही सभी 26 संकायों में सीटों की स्थिति प्रकाशित की गई है,जिससे परीक्षार्थियों को जानकारी हो और वे इस कठिन प्रतियोगिता को समझ कर तैयारी कर सकें। श्री पाण्डेय ने बताया कि इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद इंटरव्यू लिया जाएगा। जिसमें पास होने पर ही परीक्षार्थी की पीएचडी की उम्मीदवारी तय होगी। इस अवसर पर सभी विभागों के विभागाध्यक्ष,प्राध्यापक,प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

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उच्च शिक्षा बड़े संस्थानों से होगा अनुबंध-डाॅ.दुबे

इस अवसर पर विष्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डाॅ. आर.पी.दुबे ने बताया कि यह देश ओर प्रदेश के लिए अच्छी बात है कि इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थी शामिल हुए हैं। यह इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में अच्छे और ज्यादा से ज्यादा शोध होंगे। वि.वि में रिसर्च के लिए सभी सुविधा उपलब्ध है। डाॅ. दुबे ने कहा उच्च शिक्षा बड़े संस्थानों से अनुबंध किया जाएगा,ताकि यहां केश्षोधार्थियों को बेहतर से बेहतर षोध के अवसर मिल सके और व देष व समाज के विकास में सहभागी बनें।

गुणवत्तायुक्त शोध को बढ़ावा ही उद्देश्य-कुलसचिव

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने बताया कि किसी भी वि.वि का शोध ही उसकी पहचान होती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तायुक्त शोध को बढ़ावा देने के लिए वि.वि परयासरत है और इस बात को ध्यान में रखते हुए ही शोधार्थियों को सुविधा दी जा रही है। इंजीनिरिंग और विज्ञान संकाय के शोधार्थियों के लिए अब अत्याधुनिक साफ्टवेयर उपलब्ध कराए गए हैं। विज्ञान संकाय में ही सिर्फ 15 करोड़ रूपए से अधिक का रिसर्च लैब तैयार किया गया है। श्री पाण्डेय ने बताया कि 1700 से अधिक आॅनलाइन व मैन्युअल शोध पत्रिकाएं उपलब्ध है। इसी तरह अत्याधुनिक लैब और एडवांस साफ्टवेयर शोधार्थियों के लिए मुहैया कराया जाएगा।

पुलिस और कैदी सभी ने परीक्षा

वि.वि में आयोजित पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में सेंट्रल जेल का कैदी पवन कुमार शामिल हुआ। इस दौरान उससे पाॅलिटिकल सांइस विषय पर प्रवेश परीक्षा दी है। इसी तरह कइ्र्र पुलिस अधिकारी व पुलिस सेवा से जुड़े लोगों ने प्रवेश परीक्षा दी। श्री पाण्डेय ने बताया कि षिक्षा अर्जित करने के लिए दुनिया का कोई भी बंधन नहीं होता है, समाज के हर व्यक्ति को शिक्षा लेने का अधिकार है। निर्धारित किए गए नियमों के अनुसार पवन कुमार परीक्षा में शमिल हुआ है। यह अच्छी बात है कि किन्हीं भी परिस्थतिवष जेल में रहने वाले युवा भी पीएचडी जैसी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।

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