शिक्षा अधिकारी का मौखिक फरमान…स्थानीय को देंगे प्राथमिकता…काम आयी तरकीब…साहब का बाबू करता रहा सौदा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— फिलहाल अब जाहिर हो गया है कि कहीं स्थानांतरण उद्योग चल रहा हो या नहीं…लेकिन शिक्षा विभाग में जमकर फल फूल रहा है। एक ही स्कूल में पद से अधिक शिक्षको की पदस्थापना और थोक में जिला शिक्षा अधिकारी के विकल्प पर हुए ट्रांसफर से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की रौनक करीब एक महीने बाद लौट आयी है। बताते चलें कि पिछले महीने ही जिला के अंदर स्थानांतरण  को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमकर रौनक थी। साहब और एक बाबू  ने जिस तरह से स्थानांतरण की दुकानदारी की…किसी से छिपी नही है।
                  नाम नहीं छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि  पिछले महीने साहब के नाक के नीचे तथाकथित एक बाबू ने स्थानांतरण को उद्योग की तरह चलाया। शायद पुरानी सफलता से खुश होकर जिला शिक्षा अधिकारी ने एक बार फिर स्थापना खंड का प्रभार तथाकथित बाबू को देकर भ्रष्टाचार की मौन स्वीकृति प्रदान दी है।
त्रुटियों के बहाने सौदाबाजी
                                   शिक्षा विभाग में स्थानांतरण आदेश में प्रायोजित त्रुटियों को लेकर जमकर चर्चा है । त्रुटियों के चलते जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ बाबुओं की बांछे खिल गयी है। एक बार फिर बहुचर्चित बाबू ने अधिकरियों की शह पर स्थानांतरण का व्यवसाय शुरू कर दिया है। शिक्षकों की खून पसीने की बचत कमाई के बड़े हिस्से को हड़पना शुरू कर दिया है। सब कुछ जानते हुए भी पहले से स्थानांतरण की मार झेल रहे शिक्षक एक बार फिर तथाकथित बाबू के हाथों हलाल होने को तैयार हैं। शायद ही किसी शिक्षक ने इसके पहले इस तरह से दोहरी आर्थिक मार झेली हो। जिसके चलते लाखो रूपए खर्च कर स्थानांतरण करवाने वाले शिक्षकों में जमकर आक्रोश है।
स्थानीयता के बहाने लूटखसोट
                              बताते चलें कि स्थानांतरण सूची में एक ही स्कूल में एक विषय के लिए तीन या अधिक शिक्षकों को स्थानांतरित कर दिया गया है। खबर है कि मंगलवार को तीन चार शिक्षकों के बीच किसे ज्वाइनिंग दी जाए को लेकर दिन भर  जमकर सौदेबाजी हुई। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के तथाकथित बाबू ने लोगों को साहब मौखिक आदेश का हवाला देकर लोगों को बताया कि जहां एक विषय के तीन शिक्षक स्थानांतरित होकर आए हैं…ऐसे स्थानों पर जिले से स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों को हो प्राथमिकता दी जाएगी। चाहे पहले कोई भी आए हो…उस पर विचार नहीं किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी के मौखिक तुगलकी फरमान की जानकारी मिलते ही बाहर से स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों के होश उड़ गए। लेकिन जल्द ही उन्हें मौखिक फरमान का अर्थ समझ में आ गया। इसके बाद शिक्षक गुपचुप ज्वाइनिंग देते रहे।
गुपचुप ज्वाइनिंग
                   जानकारी के अनुसार तथाकथित बाबू मौखिक आदेश के बहाने दिन भर तगड़ा लेनदेन किया। काम में ऐसे शिक्षक ने भरपूर साथ दिया। जिसने अभी तक अपने स्कूल का मुंह नहीं देखा है। लोगों ने बताया कि सहायक शिक्षक जिला कार्यालय में तथाकथित बाबू का कम्प्यूटर आपरेटर बनकर काले पीले में सहयोग करता है। लोग सवाल ना पूछे इसके लिए अपने चैम्बर के बाहर प्रवेश वर्जित की नोटिस को चस्पा कर दिया है।
स्वयमभू नेताओं की खुली पोल
                     जिला कार्यालय में आज शिक्षको की स्वयम्भू नेताओं की पोल को खुलते देखा गया। शिक्षाकर्मी आन्दोलन से नेता बने शिक्षक फोन पर लगातार झूठ बोलते पाए गए। बार बार कहते रहे कि इस समय शहर से बाहर हैं इसलिए सहयोग नहीं कर पाउंगा। लेकिन सच्चाई तो यह थी कि शिक्षको का प्रदेश अध्यक्ष और प्रान्त पदाधिकारी तथाकथित बाबू और अधिकारियों से सम्पर्क कर अपने लोगों की गोटी सेट करते देखे गए।
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