अजीत जोगी के खिलाफ एक और FIR ….. फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में समीरा पैकरा की रिपोर्ट पर गौरेला थाने में धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज

Chief Editor
बिलासपुर।   पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति के मामले में एक और एफआईआर दर्ज हो गया है। उनके खिलाफ बिलासपुर जिले के गौरेला थाने में गुरूवार को आईपीसी की धारा 420,467 और 471 के तहत अपराध कायम कर पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है।
  इस बार भाजपा नेत्री समीरा पैकरा ने गौरेला थाने में उनके खिलाफ एक और लिखित शिकायत दर्ज कराई है ।   जिसमें कहा गया है कि अजीत जोगी का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है  । उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र  के जरिए लगातार लाभ लिया  । इस आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए । अपनी इस शिकायत के साथ समीरा पैकरा ने रिटायर्ड नायब तहसीलदार पतरस तिर्की का एक हलफनामा भी पेश किया है। जिसमें कहा गया है कि अजीत जोगी  उनके दस्तखत  से जारी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि 1967-68 में गौरेला में नायब तहसीलदार कार्यालय ही अस्तित्व में नहीं था।

 जैसा कि मालूम है कि हाल ही में हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट सामने आई है ।  जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को आदिवासी नहीं माना गया है  । इस रिपोर्ट के आधार पर जिला कलेक्टर की ओर से सिविल लाइन थाना बिलासपुर में एफ आई आर दर्ज कराया गया है  । जिस पर अभी पुलिस की जाँच चल रही है। उधर गुरुवार को भाजपा नेत्री समीरा पैकरा ने गौरेला थाने में एक लिखित शिकायत पेश की है ।  जिसमें कहा गया है कि अजीत जोगी मरवाही के विधायक हैं ।  उनकी ओर से पेश किया गया जाति प्रमाण पत्र 6-6-1967  को बनवाया गया था  । जो कि फर्जी प्रमाणपत्र है  ।  इस फर्जी और कूटरचित जाति प्रमाण पत्र के सहारे मरवाही अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर वर्तमान में विधायक हैं।  शिकायत में कहा गया है कि सन् 1967 में गौरेला पेंड्रा रोड तहसील अस्तित्व में नहीं था  । इस बात की पुष्टि रिटायर्ड नायब तहसीलदार पतरस तिर्की  ने अपने शपथपत्र में की है  । इस शपथ पत्र की कॉपी भी शिकायत के साथ लगाई गई है  । समीरा पैकरा ने लिखा है कि अजीत जोगी के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग लगातार लाभ के पद के लिए किया जा रहा है ।  इनके द्वारा गरीब आदिवासी जनता का शोषण कर शासकीय धन का दुरुपयोग किया गया  । साथ ही जनता के बीच झूठी छवि बनाकर लोगों के विश्वास का भी शोषण किया गया  । इस आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए  । उन्होंने शिकायत की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री ,गृह मंत्री ,कलेक्टर बिलासपुर और जिला पुलिस कप्तान बिलासपुर को भी भेजी है ।

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समीरा पैकरा कि इस लिखित शिकायत के साथ एक  हलफनामा भी जमा किया गया है  । यह हलफनामा 84 वर्षीय पतरस तिर्की ने दिया है ।  नेहरू नगर बिलासपुर के रहने वाले पतरस तिर्की ने लिखा है कि वह 1967 में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत थे  । अजीत जोगी द्वारा वर्ष 1967 –  68 का मेरे नाम एवं हस्ताक्षर से जारी किया गया जाति प्रमाण पत्र का उपयोग होना दर्शाया गया है  । पतरस तिर्की ने हलफनामा में  लिखा है कि वर्ष 1967 में गौरेला पेंड्रा में नायब तहसीलदार का कार्यालय ही अस्तित्व में नहीं था और अजीत जोगी द्वारा उपयोग किए गए उक्त प्रमाणपत्र मेरे द्वारा कभी भी जारी नहीं किया गया है  । उन्होंने यह भी लिखा है कि यदि मेरे द्वारा हस्ताक्षरित ऐसा कोई जाति प्रमाण पत्र अजीत प्रमोद जोगी प्रस्तुत करते हैं तो वह स्वमेव में झूठा तथा असत्य है ।
समीरा पैकरा की इस शिकायत पर गौरेला पुलिस ने अजीत जोगी के खिलाफ भादवि की धारा 420,467 और 471 के तहत मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।
आदिवासी समाज के लिए लड़ाी जारी रहेगीः समीरा
अजीत जोगी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद समीरा पैकरा ने कहा कि आदिवासी समाज के हक के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी। इस मामले में आदिवासी समाज को छलने की कोशिश की गई है। लेकिन अब न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है।
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