रायपुर— मीडिया मेंआ रहे रिटायर्ड तहसीलदार पतरस तिर्की के शपथ पत्र को जनता कांग्रेस नेताओं ने फर्जी होना बताया है। जनता कांग्रेस कार्यालय से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि पतरस तिर्की अजीत जोगी के खिलाफ दबाव में शपथ पत्र बनाया है। जबकि उन्होने ही साल 2002 में शहडोल में न्यायिक दण्डाधिकारी के सामने शपथ पत्र देकर अजीत जोगी को आदिवासी होना बताया है। इससे जाहिर होता है कि पतरस तिर्की को जोगी के खिलाफ साजिश के तहत इस्तेमाल किया जा हा है।
बताते चलें कि गुरूवार को दिनभर पतरस तिर्की का शपथ पत्र चर्चा का विषय रहा। पतरस तिर्की ने शपथ पत्र में लिखा है कि वह 1967 में कभी नायब तहसीलदार के पद पर रहे ही नहीं। जबकि यह सरासर झूठ है। क्योंकि पतरस तिर्की को 6 मार्च 2002 को दिया गया शपथ पत्र भी याद होगा। जिसमें उन्होने कहा है कि 1967 में पेण्ड्रा रोड में नायब तहसीलदार और 1986 में पेण्ड्रा रोड में तहसीलदार के पद पर पदस्थ थे।
न्यायिक दण्डाधिकारी शहड़ोल को दिेए पत्र में पतरस तिर्की ने कहा है कि जोगी कंवर जाति के हैं। 6 जून 1967 और 6 मार्च 1986 को तत्समय प्रचलित शासन के नियमों के अनुसार जांच पड़ताल में जोगी को कंवर जाति का होना पाया गया है।
जनता कांग्रेस कार्यालय से जारी प्रेस नोट में अजीत जोगी ने कहा है कि मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी शहडोल को थाना प्रभारी कोतवाली शहडोल के तरफ से भेजे गये प्रतिवेदन में तिर्की का बयान स्पष्ट है। पतरस तिर्की ने शपथ पत्र में लिखी बातों को दोहराया है। इस प्रकार जो जानकारी प्रकाशित हो रही है निश्चित रूप से गलत है।