वाह रे रेलवे अधिकारी….खस्ताहाल अप्रोच रोड तो बना नहीं पाए…चेयरमैन को दिखा दिया सिंगापुर मॉडल का सब्जबाग

Shri Mi
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बिलासपुर-पैसेन्जर सर्विस कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन टीम के साथ यात्रियों की सुविधाओं और समस्याओं समेत अन्य जरूरी गतिविधियों की जानकारी लेने उस्लापुर पहुंचे। इस दौरान रेलवे के आलाधिकारी भी मौजूद थे। चैयरमैन रमेश चन्द रतन ने बारी बारी से स्टेशन के एक एक कोने का मुआयना किया। जरूरी दिशा निर्देश देकर खामियों को दूर करने को कहा। यात्रियों से सीधा संवाद कर उस्लापुर स्टेूशन और रेलवे की गतिविधियों की जानकारी ली।
इस दौरान पूरे  समय मण्डल के एडीआरएम सौरभ बन्धोपाध्याय मौजूद रहे। रतन ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान अधिकारियों की गतविधियों पर नाराजगी जाहिर की। उन्होने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि हम समस्या ना तो पालते हैं…और ना टालते हैं। यदि शिकायतें मिली तो नौकरी से हाथ धोने में समय भी नहीं लगेगा।

यात्रियों से सीधा संवाद

             
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रेल्वे पैसेन्जर सर्विस कमेटी के राष्ट्रीय चैयरमैन रमेश चन्द्र रतन ने यात्रियों की सुविधाओं और समस्याओं के साथ स्वच्छता की परख करने टीम को लेकर उस्लापुर स्टेशन का मुआयना किया। इस दौरान एडीआरएम सौरभ बन्धोपाध्याय समेत रेलवे के आलाधिकारी भी मौजूद थे।

रमेश चन्द्र रतन ने उस्लापुर स्टेशन का एक एक कोना का निरीक्षण किया। प्लोर  को देखने के बाद नाराजगी जाहिर की। टायलेट,यूरिनल, प्रतिक्षालय का निरीक्षण किया। फुड स्टाल और कैन्टीन का भी मुआयना किया। दस्तावेज देखने के बाद जरूरी दिशा  निर्देश भी दिया।

प्रदूषित पेयजल को लेकर चैयरमैन नाराज

रमेश चन्द रतन ने टेपनल पानी का टी़डीएस अपने सामने चेक कराया। रिपोर्ट देखते ही नाराजगी जाहिर की। टीडीएस रिपोर्ट में 291 का आंकडा देखते ही रमेश चन्द रतन ने कहा…यह घोर लापरवाही है। हम यात्रियों को ठीक से पानी तक नहीं दे पा रहे है। जल्द से जल्द इसे नियंत्रित कर 82 से 120 के अन्दर लाया जाए। अन्यथा जिम्मेदार लोग अपनी करनी के लिए तैयार रहे।

अक्टूबर तक लगेगा डिस्प्ले बोर्ड…वर्किंग पर चेयरमैन की नारजागी

यात्रियों से संवाद के दौरान स्टेशन रखरखाव पर लोगों ने सकारात्मक बाते कहीं। नाराज एक पैसेन्जर ने जरूर कहा कि डिस्प्ले नहीं होने से ट्रेन आने के बाद आपा धापी की स्थिति बन जाती है। उम्र दराज लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस दौरान एडीआरएम ने कहा कि मामला वर्किंग में है। इतना सुनते ही चैयरमैन ने कहा कि वर्किंग शब्द का इस्तेमाल बार बार ठीक नहीं। बेहतर होगा कि वर्क को जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचाए। एडीआरएम को कहना पड़ा कि अक्टूबर तक उस्लापुर के प्लेटफार्म में डिस्प्ले लगा दिया जाएगा।

कुली समस्या की शिकायत

ओव्हरब्रिज को लेकर भी चैयरमैन नाराजगी जाहिर की। इस दौरान एक महिला ने बताया कि यहां कुली की समस्या है। जैसे ही चैयरमैन ने एडीआरएम की तरफ देखा तो उन्होने बताया कि दो एक दिन में कुछ लायसेंसधारी कुलियों को उस्लापुर में शिफ्ट किया जाएगा। इस तरह चेयरमैन ने कई लोगों से संवाद किया। साथ ही वेन्डर के दस्तावेजों का भी मुआयना किया। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की भी बात कही। चेयरमैन ने कहा कि यदि निरीक्षण के नाम पर दिखावा है तो कार्रवाई के लोग तैयार रहें।

दाधापारा की बाधा पर सवाल…दिखाया सिंगापुर मॉडल का सब्जबाज

निरीक्षण के बाद चैयरमैन ने पत्रकारों से भी बातचीत की। उसके पहले उन्होने रेलवे अधिकारियों के साथ फोटो भी खिंचाया। पत्रकारों के सवालों के जवाब से पहले चेयरमैन ने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जमकर बखान किया। अधिकारियों ने प्रोजेक्टर पर भविष्य के उस्लापुर स्टेशन का विकास का खाका खींचा। एडीआरएम ने बताया कि बिलासपुर स्टेशन सिंगापुर मॉ़डल के तर्ज पर विकसित किया जाएगा।

पत्रकार वार्ता में जमकर तीखे सवाल उठे। दाधापारा स्टेशन से बिलासपुर तक 6 किलोमीटर दूरी तय करने में गाड़ियों को सवा घन्टे लगने के सावल पर चेयरमैन ने अधिकारियों को समस्या निदान करने की बात कही। अब आप कब मुआयना करने आएंगे…क्योंकि इतना सुन्दर उस्लापुर स्टेशन पहले कभी नहीं दिखा। चैयरमैन ने कहा कि हमारी टीम देश के एक एक स्टेशन का भ्रमण करेगी। हम कब आएंगे…इसकी जानकारी आपको मिल जाएगी।

शिफ्टिंग पहले लेकिन सुविधाए क्यों नहीं

सिंगापुर की सुविधाओं को ध्र्यान में रखकर उस्लापुर स्टेशन के विकास की बात सामने आ रही है। जबकि पिछले पन्द्रह सालों में अप्रोच रोड का निर्माण तक नहीं किया जा सका। आखिर वजह क्या है। सवाल सुनते ही चैयरमैन से पहले अधिकारियों ने खासकर एडीआरएम ने बोलना शुरू कर दिया। सवाल को दबाने का प्रयास किया गया। इस दौरान पत्रकारों ने कहा 80 प्रतिशत ट्रेन को बिलासपुर से उस्लापुर शिफ्टिंग कर दिया गया है। लेकिन सुविधा के नाम पर एक भी डारमेट्री रूम नहीं है। सुविधाओं के नाम पर केवल मजाक है।

टर्मिनल प्रोजेक्ट की जानकारी नहीं…चेयरमैन ने मांगी समस्या

इसी तरह पत्रकारों ने बताया कि साल 2011-12 में प्रस्ताव लाया गया कि बिलासपुर रेलवे स्टेशन को रेलवे कोचिंग काम्पलेक्स टर्मिनल के रूप में विकसित किया जाएगा। लेकिन मामला दब गया। टर्मिनल के सवाल पर अधिकारियो ने अनभिज्ञता जाहिर की। साथ ही लगातार असुविधाओं को लेकर उठ रहे सवाल पर सौरभ बन्र्धोपाध्याय बचाव करते आए। अधिकारकारियों की असहज स्थिति को देखते हुए चैयरमैन को कहना पड़ा कि हम चाहते हैं कि आखिर समस्याएं क्या हैं..जिसकी जानकारी उन्हें नहीं है। क्या कुछ अभी तक कहा गया…और किया नहीं गया। या ऐसी बातें जो यात्रियों के हित में हो लिखकर दें तो  बेहतर होगा। विश्वास दिलाता हूं कि सभी मामलों को उचित फोरम में रखा जाएगा। समस्याओं को दूर किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो कठोर कदम भी उठाया जाएगा।

अब कब आएंगे का उठा सवाल

इस दौरान रेलवे यात्री सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठे। इस दौरान पत्रकारों ने कई बार दुहराया कि हमेसा आते रहें…ताकि आज जैसी उस्लापुर की स्थिति हमेशा बरकरार रहे। पत्रकार वार्ता के दौरान सारबाहर स्थित रेलवे ट्रेक फ्रैक्टर का मामला और गाड़ी डीरेल होने का भी सवाल उठा। चैयरमैन ने तत्काल जिम्मेदारी अधिकारी को बुलाकर समस्या निदान करने के साथ समस्या का कारण जानना चाहा। उन्होने कहा कि गलती हो सकती है लेकिन लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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