VIDEO-जाते-जाते भावुक हुए PM मोदी और इसरो अध्यक्ष,Chandrayaan 2 के लैंडर से संपर्क टूटने पर PM मोदी ने दिया दिलासा तो इसरो प्रमुख ने वैज्ञानिकों से कही ये बात

Shri Mi
3 Min Read

[wds id=”13″]
नई दिल्ली-
भारत के मून लैंडर विक्रम से उस समय संपर्क टूट गया, जब वह शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था. जिस समय लैंडर विक्रम का संपर्क टूटा उस समय पीएम मोदी और इसरो प्रमुख समेत तमाम वैज्ञानिक इसरो के ऑफिस में मौजूद थे. लैंडर का संपर्क टूटने पर पीएम मोदी ने सभी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है. साथ ही उन्होंने कोशिश जारी रखने की भी बात कही. वहीं, लैंडर से संपर्क टूटने के बाद इसरो प्रमुख के सिवन ने भी अपने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया. सिवन ने कहा कि संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था. लैंडर से संपर्क टूटने के बाद इसरो ने अपनी प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ्रेंस भी रद्द कर दी है. इसरो के वैज्ञानिकों के अनुसार लैंडर से संपर्क टूटने के बाद वैज्ञानिक अब इसके कारणों और मिले डेटा का विश्लेषण करने में जुटे हैं.

Join Our WhatsApp Group Join Now

बता दें कि चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट ‘लैंडिंग की देश भर में प्रतीक्षा किए जाने के बीच इसरो ने शुक्रवार को कहा था कि इस बहुप्रतीक्षित लैंडिंग के लिए चीजें योजना के अनुसार आगे बढ़ रही हैं. चंद्रयान-2 मिशन के तहत विक्रम लैंडर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि यह अभियान श्रेष्ठ भारतीय प्रतिभा और तपस्या की भावना को परिलक्षित करता है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि इसकी सफलता से करोड़ों भारतीयों को लाभ होगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवन ने कहा, ‘हम इसका (लैंडिंग का) बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. सब कुछ योजना के मुताबिक हो रहा है.’ लैंडर ‘विक्रम’ आज देर रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा.

इसरो के अनुसार, लैंडर में तीन वैज्ञानिक उपकरण लगे हैं जो चांद की सतह और उप सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देंगे, जबकि रोवर के साथ दो वैज्ञानिक उपकरण हैं जो चांद की सतह से संबंधित समझ बढ़ाएंगे.

सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के साथ ही भारत रूस, अमेरिका और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. इसके साथ ही भारत अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय लिखते हुए चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का प्रथम देश बन जाएगा. सिवन ने हाल में कहा था प्रस्तावित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ दिलों की धड़कन थाम देने वाली स्थिति होगी क्योंकि इसरो ने ऐसा पहले कभी नहीं किया है.

Share This Article
By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close