छात्राओं ने बताया…शिक्षक करता है अश्लील बातें…स्कूल में कुछ भी ठीक नहीं…मोबाइल से पढ़ायी जाती है अंग्रेजी क्लास

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला नवागांव सल्का की छात्राओं ने बिलासपुर पहुंचकर जिला प्रशासन ने शिक्षकों की गंभीर शिकायत की है। छात्राओं ने बताया कि स्कूल में कई विषय के शिक्षकों की कमी है। कुछ ऐसे भी शिक्षक हैं..जिन्होने अभी तक एक भी क्लास नहीं लिया है। एक शिक्षक तो ऐसा भी है कि जो पीरियड के दौरान ना केवल अमर्यादित व्यवहार करता है..बल्कि अश्लील बातें भी करता है। अस्थायी प्राचार्य से स्कूल नहीं संभल रहा है। खेल गतिविधियां पूरी तरह से शून्य है।

                          शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक शाला नवागांव सल्का की छात्राओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ गंभीर शिकायतें की है। छात्र छात्राओं ने बताया कि स्कूल में भौतिक,रसायन और हिन्दी का एक भी शिक्षक नहीं है। जिसके कारण पढ़ाई में काफी परेशानी आ रही है। विद्यालय के शिक्षक पूरी तरह से अनुशासनहीन हैं। शिक्षक अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। अस्थायी प्राचार्य होने के कारण स्कूल प्रबंधन बेलगाम है।

                    छात्राओं ने जानकारी दी कि प्रभारी प्राचार्य अनुशासन व्यवस्था बनाने में पूरी तरह नाकामयाब हैं। ना तो छात्र और ना ही शिक्षक…कोई भी प्राचार्य के नियंत्रण में नहीं है। सब कुछ ठीक करने के लिए स्कूल को स्थायी प्राचार्य की जरूरत है। छात्राओं ने बताया कि खेल शिक्षक नहीं होने के कारण खेल गतिविधियां पूरी तरह से शून्य हैं। खेल सामाग्री उपलब्ध होने के बाद भी छात्राओं को खेल से दूर रखा जा रहा है।

                      छात्राओं ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन को बताया कि रघुनन्दन सिंह ध्रुव माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक हैं। लेकिन उच्चत्तर विद्यालय की छात्राओं को पढ़ाते हैं। रघुनन्दन सिंह पीरियड में ना केवल अमर्यादित व्यवहार करते हैं…बल्कि अश्लील बाते भी करते हैं। जिसके कारण छात्राओं का पढ़ना मुश्किल हो जाता है। मामले में कई बार प्राचार्य और अन्य शिक्षकों से शिकायत की गयी। यहां तक अभिभावकों ने भी अश्लील बातों के लेकर कड़ा ऐतराज किया है। बावजूद इसके आज तक रघुनन्दन के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है। हर बार शिकायत को नजरअंदाज कर दिया जाता है।

           छात्राओं ने बताया कि अंग्रेजी की शिक्षका महीने में दो तीन बार ही क्लास लेती हैं। बाकी दिन या तो आती ही नहीं…यदि आती हैं भी साइन मारकर नौ दो ग्यारह हो जाती हैं। तीन दिन की क्लास मोबाइल देखकर लेती हैं। मोबाइल का स्पीकर खोलकर लोगों को अग्रेजी का पाठ पढ़ाती है। बेहतर को होगा कि ऐसे शिक्षकों और प्रबंधन के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

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