भारतीय संस्कृति को विज्ञान का मुहर..वोरा

BHASKAR MISHRA
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CMD mahavidhyalay  (5)बिलासपुर—संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने सीएमडी महाविद्यालय में विज्ञान परिषद के तत्वावधान में आयोजित स्व. डीपी दुबे स्मृति व्याख्यान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत के ज्ञान-विज्ञान में जीवन के तथ्य निहित है, जो दुनिया में वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित भी हो रहे हैं।

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      सीएमडी महाविद्यालय में आयोजित व्याख्यान माला में उपस्थित शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बोरा ने कहा कि बिलासपुर में इस तरह के कार्यक्रम की बहुत ही आवश्यकता है। जो छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय मैथोलॉजी में जीवन की उत्पत्ति, जन्म-मृत्यु के रहस्य की कहानी है। बहुत से विचार भारत से ही दुनिया में प्रसारित हुए। भारतीय संस्कृति में बहुत से बातें प्रचलित है जो वैज्ञानिक तौर पर भी प्रमाणित हो रही है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक स्वभाव को व्यवहारिक ज्ञान से जोड़ना भी जरूरी है। वैज्ञानिक मिजाज को जीवन में शामिल करें, किन्तु उसे ही जीवन का उद्देश्य न माने।

                            वोरा ने कहा कि जीवन में मानसिक स्वतंत्रता बहुत जरूरी है। अंतिम सांस तक जिन्दा रखें। व्याख्यान माला में विशिष्ट अतिथि यूनाईटेड किंगडम के एस्ट्रो-बायोलाजिस्ट प्रो. सोहन जीटा, सिनियर साइंटिस्ट एस.के.चक्रवर्ती, क्रेडाई के एस.पी. चतुर्वेदी ने भी अपने विचार रखें। कालेज के प्राचार्य डी.के.चक्रवर्ती ने स्वागत उद्बोधन दिया। कालेज के प्राध्यापक प्रो. विनोद गुप्ता ने अतिथियों का परिचय कराया और कार्यक्रम का संचालन भी किया।

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