एकसूत्र में बांधकर रखी है हिन्दी…विश्व की भी लोकप्रिय भाषा…सीएमडी ने कहा…कम्पनी को शिखर तक पहुंचाने में अहम योगदान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–-एसईसीएल मुख्यालय में  आयोजित’’राजभाषा पखवाड़ा उद्घाटन समारोह में एसईसीएल के आलाधिकारियों ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एपी पण्डा ने  कहा हिन्दी ने देशवासियों को भावनात्मक रूप से एक दूसरे से बांधकर रखा है। हमारे दैनिक कामकाज और बेहतर उत्पादन में भी हिन्दी की भूमिका अहम है। क्योंकि हिन्दी ना केवल सम्पर्क बल्कि सरल सुगम और रोजगार की भाषा है।

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                         एसईसीएल में हिन्दी पखवाड़ा उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा समेत निदेशक (कार्मिक) डाॅ. आर.एस. झा, मुख्य सतर्कता अधिकारी  बी.पी. शर्मा, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एम.के.प्रसाद महाप्रबंधक (कार्मिक/प्रशासन) ए.के. सक्सेना शामिल हुए। इस दौरान एसईसीएल के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष  अधिकारी और कर्मचारियों ने भी शिरकत किया।

                   उद्घाटन कार्यक्रम को मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा ने संबोधित किया। उन्होन कहा कि हिन्दी सरल, सुगम, सुबोध, सम्पर्क और रोजगार की भाषा है। हिन्दी ने ही हमें और हमारे देश को एकसूत्र में बांधकर रखा है। आज हिन्दी की स्वीकार्यता ना केवल देश में बल्कि विदेशों में भी है। दरअसल हिन्दी में ही ताकत है कि भारत जैसे विभिन्नता वाले देश को एक सूत्र में बांधकर रख सके।

                 पण्डा ने कहा कि कि किसी देश की पहचान उसकी समृद्धि भाषा से होती है। हिन्दी उनमे से सर्वप्रमुख है। सीएमडी ने कहा कि एसईसीएल के मान सम्मान, उत्पादन, उत्पादकता के शिखर तक पहुंचाने में हिन्दी की भूमिका अहम् है।  इसलिए जरूरी है कि कार्यालयीन कार्यों में समेकित रूप से अधिकाधिक हिन्दी का प्रयोग किया जाए। हिंदी में ही पत्राचार किया जाए।

                                  निदेशक (कार्मिक) डाॅ. आर.एस. झा ने कहा कि हिन्दी सरल और व्यवहारिक भाषा है। हमें अपना अधिकाधिक कार्यालयीन कार्य हिन्दी में ही करना चाहिए। अपने आसपास के लोगों को भी अधिकाधिक हिन्दी में कार्य करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। मुख्य सतर्कता अधिकारी बी.पी. शर्मा ने कहा कि हिन्दी का अपना विशाल शब्दकोष है। हिन्दी में कार्य करने में किसी प्रकार की झिझक नहीं होनी चाहिए। सहज भाव से रोजमर्रा के कार्यालयीन कार्य में हिंदी का इस्तेमाल करें। तभी हिन्दी का समुचित विकास होगा।

             निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एम.के. प्रसाद ने कहा कि हिन्दी पखवाडा उल्लास और चेतना जागृत करने का आयोजन है। हम उल्लास से हिन्दी के दायित्वों के प्रति नयी ऊर्जा ग्रहण करते हैं। हिन्दी में मन लगाकर कार्य करते हुए हम इसे आगे बढ़ा सकते हैं। हिन्दी को पल्लवित-पोषित करने से समाज में गुणात्मक परिवर्तन आएगा।

                                    उप प्रबंधक (सचिवीय/राजभाषा) प्रभात कुमार कुमार ने राजभाषा पखवाड़ा के आयोजन के उद्धेश्य पर प्रकाश डाला। पखवाड़ा के दौरान आयोजित होेने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी।

                  कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों के दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। अतिथियों ने माॅं सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया।  इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संदेश का पाठ महाप्रबंधक (कार्मिक/प्रशासन) ए.के. सक्सेना, केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के संदेश का पाठन महाप्रबंधक (सीसीओ) मनोज कुमार अग्रवाल और कोलइण्डिया चेयरमेन अनिल कुमार झा के संदेश का पाठन महाप्रबंधक (सीएमसी) प्रकाश चन्द्रा ने किया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य प्रबंधक (का-प्रशा/जनसंपर्क/राभा) पी. नरेन्द्र कुमार ने धन्यवाद जाहिर किया।

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