बिलासपुर—छत्तीसगढ़ राज्य पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की याचिका पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। सरकार और जोगी ने अपनी बातों को बेंच के सामने रखा। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। कयास लगाया जा रहा है कि फैसला कभी भी आ सकता है।
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हाईकोर्ट में अजीत जोगी की तरफ से गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई न्यायाधीश आर.सी.एस.सामंत की कोर्ट में हुई। बताते चलें कि सिविल लाइन में अजीत जोगी के खिलाफ जाति मामले को लेकर एफआईआर दर्ज है। मामले में शासन की तरफ से महाधिवक्ता ने दर्ज एफआईआर को लेकर अपनी बातों को ऱखा। दूसरी तरफ जोगी के वकील ने भी एफआईआर के खिलाफ मजबूती के साथ अपनी बातों को पेश किया। साथ ही सिविल लाइन थाने में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की।
बताते चलें कि हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट ने अजित जोगी को आदिवासी नहीं माना है। मामले में कमेटी ने जिला कलेक्टर को एफआईआर दर्ज करने का कहा था। बिलासपुर कलेक्टर डॉ. संजय अलंग के निर्देशों का पालन करते हुए तहसीलदार तुलाराम भारद्वाज को एफआईआर दर्ज कराने को कहा। जानकारी हो कि 23 अगस्त को हाईपावर कमेटी ने अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था।
एफआईआर के खिलाफ जोगी के वकील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर निरस्त करने की बात कही। मामले में आज दिन भर जस्टिस सामंत की कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई पूरी होने के बाद बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा है। देखना होगा कि कोर्ट से अजीत जोगी को राहत मिलती है या हीं।