जोगी जाति मामले में नेताम की हस्तक्षेप याचिका…सिंगल बेंच ने किया था खारिज..अब डबल बैंच में होगी सुनवाई

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—अजीत जोगी जाति मामले में संतराम नेताम के वकीलों ने हाईकोर्ट में याचिका पेश किया है। कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है। मालूम हो कि जाति मामले में कुछ दिनों पहले जोगी के खिलाफ भाजपा नेत्री समीरा पैकरा और सन्त कुमार की हस्तक्षेप याचिका को अस्वीकार कर दिया गया था। सिंगल बेंच से खारिज होने के बाद 20 सितम्बर को संतराम नेताम के वकीलों की तरफ से पेश की गयी हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई अब दो जजों की बेंच में करेगी।

             
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                          जोगी की जाति मामले में 20 सितम्बर को संत कुमार नेताम की तरफ से हस्तक्षेप याचिका हाईकोर्ट में पेश किया गया है। हाईकोर्ट ने संत नेताम  की हस्तक्षेप याचिका को स्वीकार भी कर लिया है। मामले की सुनवाई अब दो जजों के बेंच में होगी। जानकारी हो कि जस्टिस पी.एम.कोशी की सिंगल बेंच ने अजीत जोगी की याचिका पर सुनवाई के दौरान समीरा पैकरा और संतकुमार नेताम की हस्तक्षेप याचिका को खारिज कर दिया था।

                                              बताते चलें कि अजीत जोगी की जाति मामले में संत कुमार नेताम मुख्य शिकायतकर्ता रहे हैं। संत कुमार नेताम ने ही सबसे पहले अनुसूचित जन जाति आयोग से अजीत जोगी की जाति को लेकर शिकायत की थी। साल 2001 में अजीत जोगी ने मामले के खिलाफ 2001 में याचिका दाखिल किया था। तात्कालीन समय अजीत जोगी ने संतकुमार नेताम को प्रतिवादी क्रमांक 6 बनाया था।

                 इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया। अक्टूबर 2011 में जाति मामले में फैसला भी आया। हाईपावर कमेटी की बात सामने आयी। सुप्रीम कोर्ट ने चार याचिका पर फैसला किया था।  इसमें एक याचिका तात्कालीन कलेक्टर और दूसरी याचिका संतकुमार नेताम की थी। कलेक्टर की तरफ से तत्कालीन सरकारी वकील पी.सैम कोशी थे। 2001 में भी जाति मामले में शासन की तरफ से बातों को पेश किया था।

                              इसके बाद छानबीन समिति का गठन किया गया। एक सदस्यीय समिति का प्रमुख रीना बाबा साहेब कांगले को बनाया गया। हाईपावर कमेटी ने छानबीन के बाद रिपोर्ट में बताया कि जोगी गैर आदिवासी हैं। रिपोर्ट के खिलाफ अजीत जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। लेकिन संतकुमार नेताम को प्रतिवादी नहीं बनाया। इसके बाद मामले में संत कुमार नेताम ने हस्तक्षेप याचिका दायर प्रतिवादी होने का दावा किया।

                                                                      याचिका दायर किए जाने पर तात्कालीन मुख्य न्यायाधीश शरद गुप्ता की  बैंच ने जाति मामले में संत कुमार नेताम को मूल शिकायत कर्ता मानते हुए हस्तक्षेप याचिका को स्वीकार किया। इसी को आधार बनाते हुए संतकुमार ने अपने वकील के माध्यम से सिंगल बेंच से याचिका खारिज होने के बाद एक बार फिर 20 सितम्बर को हस्तक्षेप याचिका दायर प्रतिवादी होने की मांग की है। जिसकी सुनवाई अब डीबी में होगी। बताते चलें कि 4 सितम्बर को जस्टिस पी सैमकोशी की सिंगल बेंच अदालत ने समीरा पैकरा की हस्तक्षेप याचिका भी खारिज हो चुकी है। पैकरा ने भी एक बार फिर डीबी कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर करने की बात कही है।

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