प्रोफ़ेसर खेड़ा को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई ,सैकड़ों ग्रामीण- आदिवासी और स्कूली बच्चों के साथ अधिकारी जनप्रतिनिधि हुए शामिल

Shri Mi
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मुंगेली(लमनी)।प्रसिद्ध गांधीवादी समाजसेवी प्रोफेसर डाॅ. प्रभुदत्त खेड़ा का 24 सितम्बर को दोपहर 12 बजे जिले के विकासखण्ड लोरमी के ग्राम लमनी में अंतिम संस्कार किया गया। श्री खेड़ा को श्रद्धांजली देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अरूण साव, लोरमी क्षेत्र के विधायक धर्मजीत सिंह, छत्तीसगढ़ शासन के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.पी मंडल, पूर्व विधायक तोखन साहू, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष सोनू चंद्राकर, आत्मा सिंह क्षत्रिय, अटल श्रीवास्तव, सागर सिंह बैस,संजय यादव, कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, कलेक्टर बिलासपुर डाॅ. संजय अलंग, पुलिस अधिक्षक मुंगेली सी.डी. टंडन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीडी तिर्की, एस.डी.एम. लोरमी सी.एस. ठाकुर सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

             
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श्री खेड़ा के अंतिम संस्कार में गांव के बैगा आदिवासी, स्कूली बच्चे, जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं मीडिया प्रतिनिधि मौजूद थे।श्री खेड़ा का सोमवार को अपोलो अस्पताल बिलासपुर में निधन हो गया था। वे विगत लगभग 9 माह से अस्वस्थ थे। उल्लेखनीय है कि डाॅ. खेड़ा विगत 35 वर्षो से अचानकमार क्षेत्र के ग्राम लमनी में आदिवासी बच्चों को शिक्षित कर रहे थे। बैगा आदिवासियों के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।

बिलासपुर क्षेत्र के सांसद अरूण साव ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वनांचल लमनी, छपरवा क्षेत्र के आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया। स्वास्थ्य, समाज सेवा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान दिया है।

लोरमी क्षेत्र के विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि श्री खेड़ा चाहते तो उच्च कोटि जीवन व्यतीत कर सकते थे लेकिन आदिवासियों के बीच झोपड़ी में रहकर उनके सेवा करते हुए जीवन व्यतीत किया। उन्होने आदिवासी बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है जो अनुकरणीय है। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी श्रद्धासुमन श्रद्धांजलि अर्पित किए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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