पुराने बस स्टैंड में कांप्लेक्स बनाने की तैयारी ,नगर निगम के रवैये से सहमें व्यापारी हो रहे लामबंद

Shri Mi
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बिलासपुर। पुराने बस स्टैंड में प्रस्तावित कामर्शियल कांप्लेक्स में अभी एक नया मोड़ सामने है दुकानदारों के एक पक्ष ने बताया कि हमें जानकारी मिली है कि 12 सितंबर को दोपहर 12 बजे नगर निगम बिलासपुर ने मौखिक रूप से एक बैठक बुलाई थी। इसमें पुराने बस स्टैंड की वर्तमान स्थित दुकानों को तोड़ कर शॉपिंग कापलेक्स का प्रस्ताव निगम ने बनाया है, इससे व्यापारियों ने देखा और सुना लेकिन व्यापारियों के एक पक्ष का कहना है कि निगम के बनाए प्रस्ताव पर ज्यदातर मूल मालिको से चर्चा ही नहीं हुई है। यहाँ व्यापारियों में एकमत की स्थिति नहीं हैं।

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सभी व्यापारियों निगम की आधी अधूरी कार्यशैली से पुराने बस स्टैंड के व्यापारियों की एक पक्ष की बैठक हुई उसमें नव व्यवसायिक संघ का गठन करने का प्रस्ताव रखा गया व्यापारियों के इस पक्ष का कहना है, कि नगर निगम जो भी काम प्लेस बनाना चाह रहा है. उसके पूरे नियम शर्ते एवं पूरी रूपरेखा की प्लानिंग व्यवसायियों से साझा करें व्यापारियों के सहमति लेकर ही नक्शा बनाएं।

नए शॉपिंग कंपलेक्स में निर्मित दुकानों के आवंटन को फ्लेट निर्माण की प्रक्रिया की तर्ज पर निर्माण पूव दुकानों का आवंटन कर उसकी रजिस्ट्री करें। इसे नक्शे में हेरफेर की संभावना नहीं रहेगी।

नगर निगम बिलासपुर राजीव प्लाजा जैसे पब्लिल पार्टनर शिप की तर्ज पर पुराने बस स्टेंड बिलासपुर की 84 दुकानें जो कि पूर्व राज्य परिवहन के गेट से शुरू होकर माँ शारदा भोजनालय के बगल से राज्य परिवहन का पिछला दरवाजा, छाया होटल परिसर, भगत लाज का एंट्री गेट होते हुए देवांगन बुक स्टाल, राजहंस ट्रैवस्ल होते हुए मधु स्वीट्स से शुरू होकर मारवाड़ी भोजनालय तक और अंदर पूर्व निजी बस स्टैंड के शेड को लेते हुए तिकोने में बनी हुई दुकान संगम स्वीट्स से आगे बढ़ते हुए अपना चाय होते हुए.. राज्य परिवहन के शेड जहाँ वर्तमान में देसी और विदेशी शराब दुकान संचालित है।

वहाँ से आगे बढ़ते हुए बाबी लाज मुख्य सड़क के गेट तक आती है।जिसमे दो पुराने लाज जिसमे बाबी लाज और न्यू भगत लाज , सहित पूर्व राज्य परिवहन निगम के बस स्टेंड को तोड़कर वहाँ बची हुई अगल बगल की भूमि पर कमर्शियल काम्प्लेक्स प्रस्तावित होने की खबर है। जिसमे गार्डन भी प्रस्तावित है।

बस स्टेंड के 84 दुकानों में कुछ दूकानदार ऐसे भी है, जिनकी ने तीन से अधिक दुकाने है।निगम ने सीढ़ी के नीचे भी दुकान अलाट की थी, चोरी छिपे कुछ गुमटी को भी नियमित किया गया था।ईस परिसर में कुछ डुप्लेक्स व ट्रिपलेक्स दुकान मालिक भी है।

जिनके भूतल सहित प्रथम और द्वितीय तल भी बने है। जिसे देखते हुए कुछ दुकानदारो ने डुप्लेक्स दुकान बनाने के लिए अपनी दुकान के प्रथम तल में परमिशन लेकर विभागीय शुल्क पटा कर नक्शा पास करवा लिया था और सालो से इंतजार कर रहे थे, कि निगम निर्माण का परमिशन देगा, लेकिन निगम ने लगभग वर्ष 2007 के आसपास से प्रथम तल की दुकानों को विभाग ने परमिशन देना बंद कर दिया था।

मल्टीलेवल पार्किंग

नगर निगम बिलासपुर इस 84 दुकान के बगल में पुराने निजी बस स्टेंड की खाली भूमि पर बहुमंजिला वाहन पार्किंग काम्प्लेक्स भी प्रस्तावित है।जिसका भूमि का तकनीकी परीक्षण हो चुका है। इस प्रस्तावित परिसर के सामने निगम ने बीते कुछ वर्ष पूर्व सड़क चौड़ीकरण के लिए पुरानी दुकान तोड़ कर नई दुकान बना के थी। वर्तमान मे यहाँ हनुमान जी की मूर्ति से बजरंग पान दुकान के सामने गेट तक ग्राउंड फ्लोर में 22 और प्रथम तल में 22 दुकाने है।

नगर निगम के प्रस्तावित कमर्शियल काम्प्लेक्स से यहाँ पर 30 सालो से अधिक जीविकोपार्जन कर रहे गुमटीधारी दुकानदार भविष्य को लेकर चिंतित हो गए है। राजीव प्लाजा बनने पर गरीब तबके के जूते चप्पल रिपेयरिंग करने वाले कर्मकारो को उमीद थी कि सालो से शहर के बीच व्यवसाय करने का लाभ मिलेगा पर हुआ कुछ नही। वही चाय और पान बेचने वाले भी चिंतित है और कुछ लोग अब निगम आयुक्त, महापौर और जिला कलेक्टर के समक्ष मामले में अपनी बात रखे वाले है।

पुराने बस स्टैंड में पूर्व राज्य परिवहन की संपत्ति जिसमे छत्तीसगढ़ राज्य अधोसंरचना विकास निगम काबिज है। जिसमे की 29 दुकाने है। जो राज्य परिवहन निगम ने बनवाईं थी उनके लिए रोड रास्ते के क्या प्रवधान होंगे यह स्थिति अभी सामने नहीं आई है। चूंकि यह निगम की संपत्ति नही है। इस लिए यहाँ के व्यापारी भी चिंतित है।

बताते चले कि मिल रही जानकारी के मुताबिक नगर निगम बिलासपुर पुराने बस स्टैंड की जगह पब्लिल पाटर्नर शिप मॉडल में चार मंजिला कमर्शियल काम्प्लेक्स बना रहा है जिसके बेसमेंट में पार्किंग होगी भूतल तल में विस्थपित दुकानदारों की दुकानें होगी प्रथम और द्वितीय तल में लाज होगी।

और तीसरे और चौथे तल में दुकाने और ऑफिस स्पेस होगा। जिसे बेच कर काम्प्लेक्स के निर्माण की लागत वसूली जाएगी। नगर निगम की ओर से अभी तक कोई अधिकृत घोषणा नही हुई है। पर प्लानिंग ऐसी ही चलने की खबर से कुछ व्यापारी खुश भी है और निगम की कार्यप्रणाली से सहमे भी हुए है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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