बिलासपुर—बेरोजगार इंजीनियरों ने आज कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम पत्र सौंपते हुए वार्ता का समय मांगा है। इंजीनियरों का आरोप है कि मुख्यमंत्री बेरोजगार युवकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। निवेदन के बाद भी बेरोजगार इंजीनियरों की तकलीफों को समझने के लिए वार्ता का समय नहीं दे रहे है। इंजीनियरों ने बताया कि यदि मुख्यमंत्री उनके दुख दर्द को नहीं सुनते हैं तो वे पांच हजार से अधिक बेरोजगार इंजीनियरों के साथ धरना प्रदर्शन और उग्र आंदोलन करेंगे।
जिले के बेरोजगर इंजीनियरों ने आज कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। युवा इंजीनियरों ने एक लिखित पत्र कलेक्टर को सौंपा। उन्होंने मुख्यमंत्री से रोजगार समस्या को लेकर वार्ता की मांग की है। युवा इंजीनियरों ने बताया कि पिछले 12 साल से मुख्यमंत्री सभी वर्गों की समस्याओं की ओर ध्यान दे रहे हैं। लेकिन बेरोजगार इंजीनियरों के लिए उनके पास समय नहीं है। उन्होंने बताया कि हम लोग पिछली बार भी पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से मिलने की मांग की थी। बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने समय नहीं दिया।
बरोजगार इंजीनियरों ने बताया कि हम लोग मुख्यमंत्री से मिलकर रोजगार की बात करना चाहते हैं। डीग्रियां होने के बाद भी हम लोग बेरोजगार घूम रहे हैं। मुख्यमंत्री के पास सबकी समस्याओं को सुनने का समय लेकिन हम लोगों की ओर ना तो ध्यान दे रहे हैं और ना ही समय। जिसके चलते हम लोगों का भविष्य धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है।
इंजीनियरों ने बताया कि पिछली बार हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा लेकिन नहीं मिला। एक बार फिर कलेक्टर को लिखित पत्र सौंपकर मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। ताकि हम लोग मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्याओं को रख सके।
इंजीनियरों ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री हमें समय नहीं देते हैं तो वे लोग अलोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। इंजीनियरों ने बताया कि अभी तक हमारे पास दो हजार से अधिक बेरोजगार इंजीनियरों को समर्थन हासिल है। धीरे धीरे इसकी संख्या बढ़ती जाएगी। जरूरत पड़ने पर हम लोग उग्र आंदोलन भी करेंगे।